प्रसव के दौरान लापरवाही: महिला की हालत बिगड़ी, नवजात की मौत

बंडा: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बण्डा में डाक्टर द्वारा शव को सागर रिफर किये जाने का मामला थमा नहीं है कि एक महिला के प्रसव के दौरान गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल स्टाफ की गलत प्रक्रिया और समय पर डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण एक गर्भवती महिला की हालत गंभीर हो गई, जबकि नवजात शिशु की मौत हो गई।प्राप्त जानकारी के अनुसार बण्डा निवासी राहुल रैकवार अपनी पत्नी वंदना रैकवार को 10 दिसंबर को दोपहर करीब 3 बजे पेट दर्द की शिकायत पर सिविल अस्पताल बण्डा लेकर पहुंचे थे।

इस डयूटी पर डां प्रदीप सरवरिया मौजूद नही थे जबकि वह महिला विशेषज्ञ के रूप में वहां पदस्थ है।उस समय अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ, रितु मिश्रा , वर्षा सेन , अम्बिका रैकवार ने महिला को दर्द का इंजेक्शन लगाया, लेकिन दर्द कम न होने के बावजूद उचित चिकित्सकीय निगरानी नहीं की गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नसों द्वारा जबरन डिलीवरी कराने का प्रयास किया गया।

इस दौरान महिला के पेट पर दबाव डाला गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में परेशानी शुरू हो गई। हालत गंभीर होने पर रात करीब 8:30 बजे महिला को सागर रेफर किया गया। सागर पहुंचने पर महिला की स्थिति और अधिक बिगड़ने पर उसे बीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन के दौरान नवजात मृत पाया गया। परिजनों का यह भी आरोप है कि गलत तरीके से जबरन डिलीवरी कराने के कारण महिला की बच्चेदानी को गंभीर नुकसान पहुंचा, जिसके चलते उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।

पीड़ित राहुल रैकवार मोबाइल नंबर 8817091799 ने सिविल अस्पताल बण्डा के डॉक्टरों एवं स्टाफ पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीड़ित ने शिकायत पुलिस थाना बंडा, पुलिस अधीक्षक सागर, जिला कलेक्टर सागर एवं संबंधित विभाग में जिला प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय पर डॉक्टर उपलब्ध होते और सही प्रक्रिया अपनाई जाती, तो नवजात की जान बचाई जा सकती थी।

पीडित राहुल रैकवार ने बताया मेरी पत्नी की हालत गंभीर है और बुंदेलखंड मेडीकल सागर में इलाज चल रहा है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रदीप सरवरिया ने बताया कि गर्भवती महिला की 7:15 बजे जानकारी मिली थी कि बच्चा पेट में फंसा हुआ है, इस तत्काल ही उसे सागर रेफर कर दिया गया था।इस संबंध में बीएमओ डॉक्टर योगेंद्र खटीक ने बताया कि उस समय डॉक्टर प्रदीप सरवरिया की ड्यूटी थी।सीएमएचओ द्वारा जांच टीम बनाई गई है, जांच में पता चलेगा।

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