वीडी शर्मा , गणेश सिंह , जनार्दन और राजेश मिश्रा के नाम चर्चा में
डॉ संजय पयासी
सतना:विकास की दृष्टि से पिछड़े विंध्य ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जिस प्रकार से एक तरफ जनता ने विश्वास व्यक्त किया है, उससे इस बार इसकी उम्मीद बलबती हो गई है कि विंध्य से भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी तय की जानी चाहिए.इस मामले मेंलगातार पांचवी बार जीत दर्ज कराने वाले सतना सांसद गणेश सिंह और पन्ना खजुराहो से सांसद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है.लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद देश मे भले भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ कुछ नीचे आया हो .विंध्य की जनता ने हमेशा की तरह इस बार भी किसी विकल्प पर विचार करने के वजाए अपना रुख बरकरार रखा है.
इन परिस्थितियों में विंध्य की लगातार भागेदारी को देखते हुए पार्टी को देश मे नेतृत्व करने का अवसर देना चाहिए.विंध्य में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जिन दो सांसदों का पक्ष सबसे मजबूत माना जा रहा है. उसमें लगातार पांच बार पार्टी को जीत दिलाने वाले सांसद गणेश सिंह का नाम सबसे पहले है. दूसरे स्थान पर संघ की मजबूत पृष्ठभूमि और प्रदेश में लगातार दो चुनावों में एकतरफा जीत दिलाने वाले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा जिन्होंने खजुराहो संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार भारी मतों से जीत दर्ज की है ,उनका है. हालांकि श्री शर्मा बुंदेलखंड और बघेलखण्ड के बीच के संसदीय क्षेत्र के होने के नाते विंध्य की सीधी हिस्सेदारी से बचते हैं.
इसके अलावा सीधी और रीवा की जनता ने भी भाजपा के प्रति विश्वास व्यक्त किया है.रीवा में जनार्दन मिश्रा ने भी लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. इस बार उनकी भी भागीदारी की उम्मीद जगी है. श्री मिश्रा ने भाजपा संगठन में लंबे समय तक काम किया है. उनके भी भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से सीधे सम्बन्ध है. सीधी की वर्तमान विधायक रीति पाठक को लोकसभा से विधानसभा भेजने के बाद रिक्त हुई सीट पर डॉ राजेश मिश्रा ने मिले अच्छे मोके का लाभ उठाते हुए जीत दर्ज कर अपने विरोधियों का मुँह बंद कर दिया है.
डॉ मिश्रा ने पार्टी में विद्रोह हो जाने के बाद भी उस सीट को लगातार तीसरी बार जिताने में कामयाबी हासिल की है. विंध्य के सबसे पिछड़े जिले होने के नाते मंत्रिमंडल में उन्हें भी मौका मिल सकता है. पिछले कार्यकाल के दौरान भाजपा ने कई ऐसे प्रयोग किए थे.जानकारों का कहना है कि इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में भाजपा की कोशिश होगी की उन क्षेत्रों को मौका दिया जाए जहाँ से पिछले दस वर्षों के दौरान मौका नही दिया गया है