मसूर, सरसों का कम हुआ उपार्जन, चना की खरीदी शून्य

जिले में तीनों फसलों की खरीदी हुई पूरी  
       
जबलपुर: जिले में  चना,मसूर और सरसों की खरीदी में सरसों के उपार्जन समाप्त हो चुका है। जिसमें मसूर और सरसों की कुछ मात्रा में खरीदी किसानों द्वारा हुई है लेकिन चना की खरीदी शून्य पर ही रह गई। उल्लेखनीय है कि चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 26 मार्च से प्रारंभ किया गया था, कि अब इसकी खरीदी पूरी हो चुकी है। जिसके लिए जिले में 8 केंद्र बनाए गए थे। कृषि उपसंचालक अधिकारी रवि आम्रवंशी से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष मसूर बेचने के लिए 979 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया था लेकिन सिर्फ 20 किसानों द्वारा 235 क्विटंल मसूर की खरीदी हो पाई है। इसके अलावा सरसों का उपार्जन इस वर्ष तेजी से हुआ था, जिसमें 338 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया था, लेकिन 33 किसानों द्वारा 1691 क्विटंल सरसों की खरीदी हो पाई है। जो चना और मसूर से काफी ज्यादा है।
सभी 53  किसानों का भुगतान भी हुआ
जिले में जिन किसानों द्वारा मसूर एवं सरसों का उपार्जन किया गया था, उन किसानों द्वारा लाई गई  फसल का भुगतान भी किया जा चुका है। जिसमें मसूर फसल बेचने आए 20  किसानों को 1509855 रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उसी क्रम में सरसों की फसल बेचने आए 33 किसानों को 9155740 रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उल्लखेनीय है कि शासन द्वारा चना 5 हजार 440 रूपए प्रति क्विंटल मसूर 6 हजार 425 रूपए प्रति क्विंटल एवं सरसों  5 हजार 650 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया था।
इस वर्ष चना का नहीं आया एक भी दाना
इस वर्ष किसानों द्वारा अपनी चने की फसल का एक भी दाना उपार्जन केंद्रों तक नहीं पहुंचाया गया है। जिसके कारण इस साल शासन द्वारा चने की फसल को खरीद नहीं जा सका है।  26 मार्च से शुरू हुई चना, मसूर और सरसों की खरीदी शुरुआत से ही काफी धीमी रफ्तार में थी। जिले में इसके लिए आठ केंद्र तो बनाए गए थे।  परंतु उसके बावजूद भी किसी भी केंद्रों पर किसानों द्वारा चना नहीं पहुंचाया गया।  बताया जा रहा था कि इस वर्ष मंडी का रेट ज्यादा होने के कारण किसान वहीं पर चना,मसूर बेचने के लिए पहुंच रहे थे। जिसके कारण उपार्जन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। जिसके परिणाम स्वरूप इस साल चने का एक दिन दाना शासन को प्राप्त नहीं हुआ है।

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