
प्रमोद व्यास उज्जैन। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए 600 होमगार्ड जवानों की भर्ती का आदेश जारी किया गया था। बावजूद उनकी तैनाती की प्रक्रिया वेतन व्यवस्था के विवाद में फंस गई है। आजादी के बाद से ही होमगार्ड अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अब तक मुखर हो रहे हैं। इधर मंदिर मे भी नियुक्ति अटक गई।
नवभारत को प्राप्त जानकारी के अनुसार भर्ती, ट्रेनिंग और तैनाती की तैयारी पूरी होने के बाद भी वित्त मंत्रालय में वेतन संबंधी फाइल अटक गई है। महाकाल मंदिर समिति दान की राशि से वेतन देने तैयार नहीं, जबकि होमगार्ड को ट्रेजरी से वेतन देने का नियम लागू है। इसी असमंजस के चलते महाकाल सुरक्षा में होमगार्ड की भर्ती किए जाने यह बड़ी योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ गई है।
होमगार्ड को सुरक्षा का जिम्मा देने के संबंध में किसी भी अधिकारी ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि 600 होमगार्ड मंदिर में कब और कैसे तैनात होंगे, यह बात जरूर प्रचारित की जा रही है की ट्रेनिंग चल रही है भर्ती होगी और सिंहस्थ में भी इसका लाभ मिलेगा बावजूद इसके वस्तु स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही। होमगार्ड तो महाकाल मंदिर में नौकरी के इंतजार में ही थे और इधर दूसरी तरफ 20 करोड़ का सुरक्षा ठेका दिल्ली की कोर कंपनी को देकर 1 जनवरी से क्रिस्टल कंपनी को हटाकर नया काम शुरू कराया जा रहा है। अब माना जा रहा है कि कम से कम 1 साल तक तो होमगार्ड की भर्ती महाकाल मंदिर में सुरक्षा कर्मचारियों के तौर पर नहीं हो पाएगी। वहीं, नाम न छापने की शर्त पर जवानों का कहना है,जब तक वेतन का निर्णय स्पष्ट नहीं, तब तक महाकाल मन्दिर में सुरक्षा जिम्मेदारी में हमारी तैनाती की बात कहना बेमानी होगा।
कलेक्टर और एसपी ने की सराहना
6 दिसंबर 1947 को होमगार्ड की स्थापना हुई थी, स्थापना के उपलक्ष्य में शनिवार को देवास रोड स्थित होमगार्ड कार्यालय में स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने हिस्सा लिया। कलेक्टर ने कहा कि वर्षा काल में होमगार्ड ने जल आपदा के समय नागरिकों की जान-माल बचाने में उत्कृष्ट कार्य किया है। कार्यक्रम में परेड निरीक्षण, उपकरण प्रदर्शन, मेधावी छात्रों को चेक वितरण और उत्कृष्ट सेवा करने वाले जवानों को सम्मानित किया गया। इस दौरान कलेक्टर और एसपी ने परेड की सलामी भी ली।
उज्जैन के अफसर को अदम्य साहस पुरस्कार
होमगार्ड स्थापना दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उज्जैन के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट (होमगार्ड एवं एसडीआरएफ) संतोष कुमार जाट को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अदम्य साहस व वीरता सम्मान प्रदान किया। जाट को यह पुरस्कार शिप्रा नदी, विशेषकर रामघाट पर 215 लोगों की जान बचाने सहित उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें 51,000 रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान की। कार्यक्रम में मंत्री कृष्णा गौर, डीजी होमगार्ड, कैलाश मकवाना, पुलिस महानिदेशक प्रज्ञा ऋचा वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
