हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
जबलपुर। राज्य पात्रता परीक्षा के 13 प्रतिशत रिजल्ट को एमपीपीएससी द्वारा होल्ड किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जी एस अहलुवालिया तथा जस्टिस प्रमोद अग्रवाल की ग्रीष्मकालीन युगलपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगलपीठ ने सहायक प्रोफेसर के एग्जाम में शामिल किये जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया।
याचिकाकर्ता विशाल सूर्यवंशी व संदीप पटैल सहित चार की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि अतिथि प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। सहायक प्रोफेसर पद के लिए उन्होंने राज्य पात्रता परीक्षा में शामिल हुए थे। एमपीपीएससी ने राज्य पात्रता परीक्षा में 87ः13 फॉर्मूला अपनाते हुए 13 प्रतिशत रिजल्ट को होल्ड कर लिये है। याचिका में कहा गया था कि पात्रता परीक्षा में रिजल्ट को होल्ड नहीं किया जा सकता है। याचिका में अंतरिम राहत चाही गयी थी कि गणित व कॉमर्स विषय के लिए 9 जून को होने वाली सहायक प्रोफेसर परीक्षा में उन्हें शामिल होने की अनुमति दी जाये।
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि 87ः13 फार्मूले की चुनौती देते हुए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी,जो लंबित है। याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गयी कि उक्त याचिका नियुक्ति के संबंध है,पात्रता परीक्षा के संबंध में नहीं। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उच्च शिक्षा विभाग तथा एमपीपीएससी को नोटिस जारी किये है। युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रणय चौबे ने पैरवी की।