तालाब से आधी रात को निकल गया सरपंच का शव

उज्जैन। ग्राम कचनारिया में सोमवार शाम स्कार्पियों सहित गांव के सरपंच तालाब में गिर गये। घटनाक्रम सामने आते ही परिवार और गांव वाले एकत्रित हो गये। नरवर पुलिस के साथ एसडीआरएफ टीम सरपंच और गाड़ी को बाहर निकलने के अभियान में लग गये। मशक्कत के बाद आधी रात को स्कार्पियों को बाहर निकाला जा सका। जिसमें सरपंच मौजूद थे लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम कराया गया।

नरवर थाना प्रभारी बल्लू मंडलोई ने बताया कि शाम 4 बजे के लगभग ग्राम कचनारिया के सरपंच ऋतुराजसिंह पिता धीरजसिंह झाला 60 वर्ष की स्कार्पियों घर के समीप तालाब में गिरने की खबर मिली थी। पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो सामने आया कि स्कार्पियों में सरपंच भी सवार थे। उन्हें निकालने के लिये स्थानीय स्तर पर प्रयास शुरू किये गये और एसडीआरएफ टीम को सूचना दी गई। स्कार्पियों को निकालने के लिये क्रेन बुलाई गई। अंधेरा होने पर लाईट की व्यवस्था कर तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया गया। इस बीच पता चला कि स्कार्पियों गहराई में जाकर गड्ढे के बीच फंस गई है। जिसे निकालने के लिये पट्टा बांधा गया था जो बार-बार टूट रहा था, सरपंच ऋतुराजसिंह गाड़ी में फंसे हुए थे। गोताखारों को बुलाया गया लेकिन अंधेरा और गहराई होने के चलते परेशानी आ रही थी। बावजूद सात घंटे बाद आधी रात को एसडीआरएफ टीम के साथ ग्रामीणों की मेहनत से स्कार्पियों को बाहर निकाल लिया गया। जिसमें सरपंच की लाश भी मौजूद थी। जैसे ही खबर गांव में पहले मातम छा गया।

 

स्कॉर्पियो से खेत जा रहे थे सरपंच

सरपंच ऋतुराजसिंह झाला के छोटे भाई रघुराजसिंह ने बताया कि शाम को 4 बजे के लगभग स्कार्पियों से खेत जाने के लिये निकले थे। घर से कुछ दूरी पर ही तालाब बना हुआ है। परिवार ने गाड़ी में काम होने की बात भी कही। तालाब के पास ढलान होने से स्कार्पियों सहित गिरने की संभावना जताई जा रही है। भाई रघुराजसिंह के अनुसार ऋतुराजसिंह 1982 से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे थे। पहली बार वर्ष 2022 में चुनाव लडक़र सरपंच बने थे।

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