मध्यप्रदेश : 25 सीटें ऐसी, जिन पर भाजपा प्रत्याशी एक लाख से अधिक मतों से जीत के साथ पहुंचेंगे संसद

भोपाल, 04 जून (वार्ता) लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मध्यप्रदेश में अपने प्रदर्शन से इतिहास बनाने के बीच एक तथ्य ये भी है कि 29 में से 25 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी एक लाख से अधिक मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रत्याशियों को पराजित कर संसद पहुंचने वाले हैं।

इस लिहाज से देखें तो राज्य की इंदौर संसदीय सीट ने एक बार फिर इतिहास रचा है, जहां से पार्टी प्रत्याशी शंकर ललवानी ने लगभग पौने 12 लाख मतों के अंतर से इस बार जीत हासिल की है। श्री ललवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 मतों से अपने निकटतम प्रत्याशी को शिकस्त दी है। हालांकि इंदौर सीट से इस बार कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं होने के कारण यहां उनका मुकाबला बहुजन समाज पार्टी के संजय सोलंकी से था, जिन्हें श्री ललवानी ने हराया। यहां से नोटा को भी दो लाख 18 हजार 674 मत प्राप्त हुए।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विदिशा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतापभानु शर्मा को आठ लाख 21 हजार 408 मतों से शिकस्त दी है। श्री चौहान इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं। वे तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के बाद इस बार लोकसभा चुनाव में विदिशा से फिर पार्टी प्रत्याशी बनाए गए थे।

राज्य की सबसे चर्चित रही खजुराहो सीट भी जीत के अंतर के लिहाज से सबसे अहम सीटों में शामिल हो गई है। यहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने अपने निकटतम प्रत्याशी को पांच लाख 41 हजार 229 मतों से हराया। यहां से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद विपक्षी दलों की ओर से कोई अधिकृत प्रत्याशी मैदान में नहीं था।

गुना से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस के प्रत्याशी यादवेंद्र देशराज यादव को पांच लाख 40 हजार 929 मतों से शिकस्त दी है। इस कड़ी में अगला नाम भोपाल से पार्टी प्रत्याशी आलोक शर्मा का है, जिन्होंने कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव को पांच लाख एक हजार 499 मतों से हरा कर ये सीट अपने नाम की। मंदसौर से भाजपा के सुधीर गुप्ता अपने निकटतम प्रत्याशी को पांच लाख 655 मतों से हराकर लगातार तीसरी बार संसद पहुंचे हैं।

चार से पांच लाख के बीच के मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रत्याशियों को हराने वालों में जबलपुर से आशीष दुबे, सागर से डॉ लता वानखेड़े, होशंगाबाद से दर्शन सिंह चौधरी, देवास से महेंद्र सिंह सोलंकी, दमोह से राहुल सिंह लोधी और टीकमगढ़ से डॉ वीरेंद्र कुमार का नाम शामिल है।

वहीं शहडोल से हिमाद्री सिंह, बैतूल से दुर्गादास उइके और उज्जैन से अनिल फिरोजिया उन पार्टी प्रत्याशियों में शामिल हैं, जिन्होंने तीन से चार लाख के बीच के मतों के अंतर से अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशियों को शिकस्त दी है। खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल, धार से सावित्री ठाकुर, सीधी से डॉ राजेश मिश्रा और रतलाम से अनिता नागरसिंह चौहान दो से तीन लाख के बीच के मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर संसद पहुंचने जा रहे हैं।

रीवा से जनार्दन मिश्रा, खरगोन से गजेंद्र पटेल, बालाघाट से भारती पारधी, राजगढ़ से रोडमल नागर, छिंदवाड़ा से विवेक साहू और मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते लगभग एक से दो लाख के बीच के मतों के अंतर से जीत हासिल करने वाले प्रत्याशियों में शामिल रहे हैं।

राज्य की चार सीटें मुरैना, भिंड, ग्वालियर और सतना उन सीटों में शुमार हैं, जहां से भाजपा प्रत्याशी एक लाख से कम मतों के अंतर से विजयी घोषित हुए हैं।

लोकसभा चुनाव परिणामों में मध्यप्रदेश की सभी 29 में से 29 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं। पिछले चुनाव में पार्टी को 28 सीटें हासिल हुईं थीं। इस बार पार्टी ने पिछले चुनाव में हाथ से फिसली छिंदवाड़ा को भी अपनी झोली में डालने में सफलता हासिल कर ली है।

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