मुंबई 02 जून (वार्ता) अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दर में कटौती शुरू करने की समय अवधि को लेकर एक बार फिर बढ़ी आशंका से बांड यील्ड के चार सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के दबाव में हुई बिकवाली से बीते सप्ताह करीब दो प्रतिशत तक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह लोकसभा चुनाव के आने वाले नतीजों के साथ ही रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा, पीएमआई और वाहन बिक्री आंकड़ों पर पैनी नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1449.08 अंक अर्थात 1.92 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 73961.31 अंक रह गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 426.4 अंक यानी 1.9 प्रतिशत का गोता लगाकर 22530.70 अंक पर आ गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों पर भी भारी बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 666.45 अंक अर्थात 1.53 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 42852.69 अंक और स्मॉलकैप 732.79 अंक यानी 1.53 प्रतिशत कमजोर होकर 47263.66 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, सकारात्मक समर्थन की कमी के कारण बीते सप्ताह तेजड़ियों को ऊंचे भाव पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिससे पूरे समूह में मुनाफावसूली हुई। एग्जिट पोल के नतीजों से पहले की सतर्कता और किसी भी अप्रत्याशित प्रतिक्रिया के डर ने निवेशकों को जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, निवेशक अपने पोर्टफोलियो को मौलिक रूप से मजबूत क्षेत्रों और शेयरों के साथ समायोजित कर रहे हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में मजबूत आय और इसी अवधि के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उम्मीद से बेहतर वृद्धि दर मध्यम अवधि में शेयरों के भाव पर एक बफर प्रदान करना जारी रखेगी।
इस बीच यूरो जोन में महंगाई के ऊंची दर के कारण यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखने की संभावना से कमजोर वैश्विक संकेतों ने बाजार की धारणा को और अधिक कमजोर कर दिया है।
अगले सप्ताह 04 जून को आम चुनाव 2024 के आने वाले नतीजे का बाजार पर जबरदस्त असर रहेगा। हालांकि, आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय, पीएमआई और वाहन बिक्री के जारी होने वाले आंकड़े निवेशकों को बाजार पर अधिक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
बीते सप्ताह बाजार में चार दिन गिरावट जबकि अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को तेजी रही। विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, ऊर्जा, तेल एवं गैस और पावर समेत दस समूहों में हुई बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 19.89 अंक फिसलकर 75,390.50 अंक और निफ्टी 24.55 अंक टूटकर 22,932.55 अंक अंक रह गया। इसी तरह एशियाई बाजार की गिरावट के दबाव के बीच स्थानीय स्तर पर ऊंचे भाव पर हुई चौतरफा मुनाफावासूली से मंगलवार को सेंसेक्स 220.05 अंक गिरकर 75,170.45 अंक और निफ्टी 44.30 अंक उतरकर 22,888.15 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दर में कटौती शुरू करने की समय अवधि को लेकर एक बार फिर बढ़ी आशंका से बांड यील्ड के चार सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के दबाव में विश्व बाजार के लुढ़कने से स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 667.55 अंक का गोता लगाकर 74,502.90 अंक रह गया। साथ ही निफ्टी 183.45 अंक टूटकर 22,704.70 अंक पर बंद हुआ।
एशियाई बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, धातु, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी और टेक समेत उन्नीस समूहों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 617.30 अंक का गोता लगाकर 73,885.60 अंक और निफ्टी 216.05 अंक उतरकर 22,488.65 अंक पर रहा। वहीं, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, रियल्टी, पावर, दूरसंचार, धातु और सर्विसेज समेत चौदह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 75.71 अंक की बढ़त लेकर 73,961.31 अंक और निफ्टी 42.05 अंक चढ़कर 22,530.70 अंक पर बंद हुआ।