
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2025: बिहार के बाद देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। आयोग ने सोमवार को ऐलान किया कि 28 अक्टूबर से 7 फरवरी तक SIR चलेगा, लेकिन जिन राज्यों में आगामी वर्ष चुनाव हैं, वहाँ घोर विरोध हो रहा है। सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में हो रहा है।
तमिलनाडु में सीएम स्टालिन ने SIR को साजिशों का जाल बताया है, जबकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने इसके विरोध में नवंबर को कोलकाता में विशाल रैली का आयोजन करने का ऐलान किया है। टीएमसी SIR को एनआरसी का दूसरा रूप बताती है। इसके अलावा, SIR शुरू होने से पहले ही ममता सरकार ने 10 जिलों के डीएम समेत 64 आईएएस बदल डाले।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग की जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो आयोग इतनी जल्दबाजी में क्यों है? उन्होंने यह भी पूछा कि बिहार में अवैध प्रवासियों से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई, और असम में ऐसी कोई SIR प्रक्रिया क्यों नहीं चलाई जा रही है।
