लोकमाता का जीवन वास्तव में सार्थकता से परिपूर्ण थाः भिड़े

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ

इंदौर:लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को अभय प्रशाल में हुआ. कार्यक्रम में भानपुरा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, महामंडलेश्वर किरणदासबापू महाराज तथा महामंडलेश्वर कृष्णवदन महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल, राष्ट्र सेविका समिति की संचालिका शांता अक्का, मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्यसभा सांसद पद्म विभूषण सोनल मानसिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मभूषण सुमित्रा महाजन, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित समारोह समिति के समस्त सदस्य इस आयोजन में उपस्थित रहे.

मुख्य वक्ता पद्मश्री निवेदिता भिड़े विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपना जीवन सिर्फ सफल ही नहीं, सार्थक भी होना चाहिए. लोकमाता का जीवन वास्तव में सार्थकता से परिपूर्ण था. मेरे प्रत्येक राजकीय कृत्य का उत्तर मुझे परमात्मा को देना है. अपने कृति व कर्म की जिम्मेदारी मेरी स्वयं की है. इन कार्यों को करने के लिए ईश्वर ने मेरा चयन किया. अतः मैं अपने प्रत्येक कार्य को श्रेष्ठता के साथ करूंगी. अपने जीवन के विविध दायित्वों को निभाते हुए ही उनका जीवन विकसित हुआ. वे न्याय व निर्णय इस प्रकार से करती थी कि दोनों ही पक्ष उससे सहमत हो जाते थे. एक समय राहगीरों से लूटपाट भील समूहों को ही उन्होंने प्रभावी रूप से समझाकर, सभी यात्रिकों की सुरक्षा का कार्य दे दिया. मंच परिचय तथा संचालन डॉ माला ठाकुर ने किया. आभार मनोज फड़नीस ने व्यक्त. कार्यक्रम का समापन पं गौतम काले द्वारा वन्देमातरम के साथ हुआ।

हर घर में अहिल्याबाई जैसी बेटी जन्म ले
महामंडलेश्वर कृष्णवदन महाराज ने कहा कि हमारे भारतवर्ष में हर घर में अहिल्याबाई जैसी बेटी जन्म ले व राष्ट्र की उन्नति की कारक बने. भानपुरा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा देश की व्यवस्था बिना धर्म के चल नहीं पाई है. देवी अहिल्याबाई ने ऐसी ही धर्मनिष्ठ होकर अनुकरणीय राजकाज का संचालन किया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा अम्मा अमृतानंदमयी जी के संदेश का वाचन हुआ. पद्मविभूषण डॉ सोनलमानसिंह ने कहा मुझे इस समिति से जुड़ने का जब सौभाग्य मिला, तो मुझे लगा जैसे कि मुझे अहिल्या-रत्न मिल गया हो. देश कि राजधानी दिल्ली में भी माता अहिल्याबाई का स्मारक बनना चाहिए.

समारोह का भव्य समापन होगाः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहनयादव ने कहा आज लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ हो रहा है, मेरा संकल्प है कि इसका भव्य समापन अवश्य होगा. प्रदेश सरकार इसके लिए पूरा सहयोग करेगी. पद्मभूषण सुमित्राताई महाजन ने कहा हम इन्दौरवासी तो देवी अहिल्याबाई के जीवन को हर अवसर पर याद करते ही हैं, अब पूरा भारत जानेगा अहिल्या माता की पुण्याई को.

वर्षभर कई कार्यक्रम होंगे
इंदौर के हजारों की संख्या में समाज जाति प्रमुख, कार्यकर्ताओं, प्रबुद्ध जन इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. चन्द्रकला पाडिया ने रखी तथा बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती की त्रिशताब्दी के आयोजनों के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति का गठन किया गया है. इस अवसर पर चिन्मयी मुले की पुस्तक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर- द म्ीन ऑफ़ इंडोमिटेबल स्पीरिट का विमोचन किया गया. संपूर्ण देश में वर्ष पर्यंत चलने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए आयोजन समिति की सचिव श्रीमति माला ठाकुर ने बताया समिति के द्वारा वर्ष भर में अनेक कार्यशालाएँ, सेमिनार तथा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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