लोग चाहते हैं कंपनियों को दें दूसरा विकल्प
इंदौर:जैसे-जैसे शहर स्मार्ट सिटी में होता जा रहा है. वैसे-वैसे शहर में तारों का मकड़जाल फैलता जा रहा है जिस पर आज तक करवाई नहीं की गई.शहर की सड़कों के किनारे विद्युत विभाग द्वारा लगाए गए बिजली के पोलों पर पर सैकड़ो तारों का जाल दिखाई देता है. यहां सभी केबल निजी कंपनी द्वारा डाली गई है. इन केबलों में अधिकतर नेट की लाइन मौजूद है. निजी कंपनी को इस तरह से सुविधा देने के लिए विद्युत विभाग को बड़ी राशि मिलती है. वहीं दूसरी तरफ शहर की खूबसूरती ओझल होती जा रही है. पहले तो यहां मुख्य मार्गों पर दिखाई देती थी लेकिन अब कॉलोनी और मोहल्लों की गलियों में भी केबल्स का मकड़ जाल फैलता जा रहा है.
गर्मियों और बारिश के महीना में अक्सर विद्युत केबल के जलने की सूचना मिलती रहती है. ऐसे में मोहल्ले की तंग गलियों में फैली यह केबल्स में भी बड़े पैमाने पर आग लग सकती है, जिस कारण बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बन जाता है. विद्युत मंडल द्वारा आर्थिक लाभ लेने के लिए आम जनता का जीवन खतरे में डाल रहा है. बताया जाता है कि केबल्स का यहां जाल शहर में नहीं बल्कि प्रदेश के सभी छोटे और बड़े शहरों में फैला हुआ है और इसका शुल्क मध्य प्रदेश मुख्य कार्यालय से तय किया जाता है.
इनका कहना है
जगह-जगह केबल का मकड़ जाल दिखाई पड़ता है. इससे शहर की सुंदरता धूमिल हो रही है. विद्युत विभाग या प्रदेश सरकार को चाहिए कि इन प्राइवेट कंपनी की केबलों के लिए कोई दूसरा विकल्प बताएं.
– डॉ नीरज जैन
पहले यहां तार मोहल्ला की गलियों में नहीं दिखते थे. अब निजी कंपनियों ने ऐसे क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा और कुछ पैसों के खातिर निजी कंपनी का साथ सरकारी विभाग दे रहा है.
– राज़िक अंसारी
बरसात या गर्मी में आए दिन मोहल्ले में कहीं ना कहीं बिजली की केबल में आग लगती है. लोग कंपनियों की इतनी सारी केबल मौजूद हो चुकी है. ऐसे में बड़ा अग्नि कांड हो सकता है.
– अंकित मगरे