
उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तराना में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ी है। चाहे सूखा हो, बाढ़ हो या मोजेक कीट से फसल का नुकसान, किसानों को राहत देने में सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज उज्जैन सहित विभिन्न जिलों के किसानों के खातों में लगभग 1800 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पीला मोजेक मच्छर से फसल का नुकसान हुआ तो हमारी सरकार ने पहली बार उसका मुआवज़ा दिया, यह किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। डॉ. यादव ने कहा कि किसानों के खाते में सीधे राहत राशि डालना ही हमारी दिवाली है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार 6000 और राज्य सरकार भी 6000 रुपए दे रही है, जिससे किसानों को सालाना 12,000 रुपए मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाडली बहनों के जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण का पर्व हमारी सरकार ने रचा है। किसानों को अब बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी,सोलर पंप लगाकर सूरज से सिंचाई करें और आत्मनिर्भर बनें। सोलर पंप योजना में किसानों को केवल 10 प्रतिशत योगदान देना होगा, शेष राशि सरकार वहन करेगी।
उन्होंने बताया कि पशुपालन किसानों की आय दोगुनी करने का बड़ा माध्यम बनेगा। 25 गायों की योजना में 40 लाख के प्रोजेक्ट पर 10 लाख की सहायता सरकार देगी। गोबर, गोमूत्र और जैविक खाद से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा जिससे फसल और स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि तराना से शाजापुर तक नई सड़क के निर्माण की मंजूरी दी गई है, जिससे तराना सीधे उज्जैन फोरलेन मार्ग से जुड़ जाएगा। कायथा में नया कॉलेज और आईटीआई भवन बनकर तैयार है, जिससे स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि तराना के बारंडवा क्षेत्र में 8000 करोड़ रुपए का औद्योगिक प्रोजेक्ट लग रहा है, जिससे पहले चरण में 2000 से 3000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। भावांतर योजना के तहत अब किसानों को मंडी में फसल बेचने के 15 दिन के भीतर शेष राशि खातों में मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का हर निर्णय किसानों, बहनों, युवाओं और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है।
