
ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष में विजयादशमी का पर्व उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। अलग-अलग बस्तियों में शस्त्र पूजन के बाद हजारों गणवेशधारी स्वयंसेवक घोष की ध्वनि की लय पर कदमताल करते हुए पथ संचलन में शामिल हुए। इस दौरान विभिन्न मार्गों पर खड़े लोगों ने भारत माता के जयकारों और पुष्पवर्षा से स्वयंसेवकों का स्वागत किया।
संघ के ग्वालियर विभाग में गुरुवार को विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में वक्ताओं ने संघ के इतिहास और उसके संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की हमारी कार्य पद्धति शाखा है और यही शाखा आज समाज परिवर्तन का केंद्र बन रही है। अब लोग कहने लगे हैं मैं रहूं न रहूं, भारत रहना चाहिए। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। संघ की विभिन्न पीढिय़ों की भूमिका बताते हुए उन्होंने कहा कि पहली पीढ़ी ने बीजारोपण किया, दूसरी पीढ़ी ने राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया, तीसरी ने समाज व्यापी बनाया और चौथी ने संगठन और समाज को एक धरातल पर ला खड़ा किया। अब वर्तमान पीढ़ी को संघ का काम सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी बनाना है।
*12 अक्टूबर तक निकलेंगे पथ संचलन*
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर विभाग में शताब्दी वर्ष में 12 अक्टूबर तक पथ संचलनों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न बस्तियों में शस्त्र पूजन भी किए जाएंगे।
