
आयुर्वेद के अनुसार, दिन की शुरुआत ध्यान (मेडिटेशन) से करना बहुत
फायदेमंद होता है, लेकिन आहार भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर हमारे शरीर, त्वचा और सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। बादाम को सात्विक आहार माना गया है। इसमें विटामिन E, हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं। सिद्ध चिकित्सा पद्धति में भी बादाम को लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों और जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं जैसे डायबिटीज के कारण होने वाली कमजोरी को दूर करने में उपयोगी माना गया है।
राष्ट्रीय न्यूट्रिशन माह हमें यह याद दिलाता है कि हर निवाला मायने रखता है। इस साल आइए यह संकल्प लें कि हम न्यूट्रिशन के महत्व को समझें और उसे अपने अच्छे स्वास्थ्य का आधार बनाएं। अगर हम सोच-समझकर खाने का चुनाव करें और रोज़ाना के आहार में बादाम जैसी पोषण से भरपूर चीज़ों को शामिल करें, तो हम न केवल ऊर्जा से भरपूर और स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकते हैं।
1. मानसिक शांति और तनाव कम होना
सुबह का समय मन को शांत करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। ध्यान करने से मस्तिष्क में शांति का अनुभव होता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है। यह दिन की शुरुआत को सकारात्मक और तनावमुक्त बनाता है।
2. शरीर और मस्तिष्क का ताजगी महसूस होना
ध्यान करने से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि शरीर भी ताजगी महसूस करता है। सुबह का समय शरीर के लिए सबसे उपयुक्त होता है, जब शरीर रिलैक्स और फ्रेश महसूस करता है। ध्यान से शरीर में रक्तसंचार बेहतर होता है, जिससे पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।
3. ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ना सुबह ध्यान करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। जब आप ध्यान की अवस्था में रहते हैं, तो आपके मस्तिष्क की क्षमता मजबूत होती है और आप अपने कामों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
4. भावनात्मक स्थिरता में सुधार
ध्यान करने से भावनात्मक स्थिरता में सुधार होता है। जब आप नियमित रूप से ध्यान करते हैं, तो आपके अंदर भावनात्मक स्थिरता आती है, जिससे आप कठिन परिस्थितियों में भी संतुलित रहते हैं।
5. स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव
ध्यान करने से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। नियमित ध्यान से हृदय, दिमाग और श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ मधुमिता कृष्णन
