नयी दिल्ली, (वार्ता) भारत के डेटा सेंटर में आयी तेजी से 2026 तक एक करोड़ वर्ग फुट रियल एस्टेट स्पेस की मांग बढ़ सकती है, जिसमें 5.7 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित होगा।
संपत्ति सलाहकार जेएलएल ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में डेटा सेंटर (डीसी) उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा सकती है, जिसमें 2026 तक 791 मेगावाट क्षमता जोड़ने का अनुमान है।
यह उछाल मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते उपयोग से प्रेरित है।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जैसे-जैसे एआई के उपयोग में तेजी आ रही है, 2024-26 के दौरान भारतीय डीसी की मांग 650-800 मेगावाट की सीमा में होने की उम्मीद है।
कंप्यूटिंग शक्ति में तेजी से वृद्धि और परिणामी नए अनुप्रयोगों से मध्यम अवधि में डीसी उद्योग के लिए मजबूत मांग बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स (सीएसपी), जो मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से पहुंच योग्य डेटा स्टोरेज और कंप्यूटिंग पावर के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम की पेशकश करते हैं, ने एआई के नेतृत्व वाली मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी आवश्यकताओं को फिर से तैयार किया है।
सीएसपी ने एआई के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ाने के लिए उच्च निवेश की भी घोषणा की है।