अवैध रूप से केन नदी से प्रतिदिन लाखों गेलन पानी खींच रही जेके सीमेंट कंपनी, एनजीटी के नियमों की उड़ रही धज्जियां, कलेक्टर ने कहा होगी जांच

सुरेश पाण्डेय पन्ना

गर्मियों के दिनों में प्रत्येक वर्ष जिले के कई नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण पेयजल समस्या उत्पन्न होती है जिससे लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ता है। जीव-जंतु और पशु-पक्षी भी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो जाते हैं। वन्य प्राणी पानी की तलाश में जंगलों से निकल कर रिहायसी क्षेत्रों की ओर पहुंचने लगते हैं। इस वर्ष भी वही समस्या उत्पन्न हो चुकी है। जलप्रदाय योजनायें गर्मियों के दिनों में फेल होने लगती हैं। कलेक्टर के द्वारा इस साल भी पन्ना जिले को जल समस्या ग्रस्त घोषित किया गया है। बोर उत्खनन, भवन निर्माण एवं पानी के अधिक उपयोग वाले तमाम कार्य प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर इस भीषण जल संकट के बीच जेके सीमेंट कंपनी एनजीटी और शासन-प्रशासन के नियमों की अवहेलना करते हुए मनमानी पूर्वक भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में गिनी जाने वाली केन नदी के बीच इंटकवेल बनाकर और नदी किनारे साइलेंट जनरेटर लगाकर प्रतिदिन लाखों गेलन पानी खींच रही है। इस प्रकार की मनमानी लगभग 2 साल से बताई जा रही है। क्षेत्रीय जागरुक नागरिकों के द्वारा कई बार मामले की मौखिक सूचना जल संसाधन विभाग, पीएचई विभाग एवं राजस्व विभाग से लेकर जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर तक को दी जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने भी नहीं पहुंचा। लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष इसी प्रकार मनमानी पूर्वक पाइपलाइन से पानी खींचने की वजह से केन नदी की धारा टूट गई थी और इस वर्ष फिर वही हालात निर्मित हो रहे हैं। यदि समय पर कार्यवाही नहीं हुई तो केन नदी का पानी कुछ ही दिन में समाप्त हो सकता है और पशु-पक्षियों को भी जल समस्या से जूझना पड़ सकता है।

पूरी तरह से नियम विरुद्ध है इंटकवेलः- क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह राजावत ने बताया कि देश की सबसे स्वच्छ नदियों में गिनी जाने वाली केन नदी में इस प्रकार इंटकवेल बनाना और किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा कार्यवाही नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने आगे बताया कि नियम अनुसार किसी भी नदी या अन्य श्रोत का पानी किसी कंपनी के द्वारा नहीं लिया जा सकता, कंपनी को स्वयं श्रोत तैयार करने चाहिए लेकिन जेके सीमेंट पूरी तरह से मनमानी पर उतारू है जिसकी अवैध गतिविधियां शासन प्रशासन अनदेखा कर रहा है।

केन का पानी पन्ना पहुंचना भूले जिम्मेदारः- कई बार जिले के सत्ताधारी नेता मंच से यह बोल चुके हैं कि पन्ना सहित अन्य नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल समस्या का हमेशा के लिए समाधान करने केन नदी का पानी लाया जाएगा, जिसके लिए बाकायदा पाइपलाइन बिछाई जाएगी लेकिन यह बात केवल भाषणों तक सीमित रही, वहीं दूसरी ओर जेके सीमेंट प्रबंधन के द्वारा मनमानी पूर्वक नदी में इंटकवेल लोगों के खेतों से जबरन पाइपलाइन बिछा कर और नदी किनारे साइलेंट जनरेटर लगाकर प्रतिदिन लाखों गेलन पानी खींचा जा रहा है, जिसके विरोध में अभी तक जिले का कोई भी नेता या जनप्रतिनिधि एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि किसानों के द्वारा सिंचाई या पेयजल हेतु बोर उत्खनन करवाने पर कार्रवाई कर दी जाती है, लेकिन जेके सीमेंट प्रबंधन प्रतिदिन लाखों गेलन पानी नियम विरुद्ध तरीके से खींचने के मामले को अनदेखा किया जा रहा है।

नियम विरूद्ध तरीके से जा रहा रॉ मटेरियल उ0प्र0ः- सीमेंट फैक्ट्री स्थापना के पूर्व जिले वासियों को बडे सपने दिखाये गये थे कि यहां लोगों को रोजगार मिलेगा और सीमेंट उत्पादन यहीं होने पर लोगों को सही रेट पर मिल सकेगा। लेकिन उत्पादन तो नाममात्र का हो रहा है उल्टा रॉ मटेरियल प्रतिदिन सैंकड़ों भारी भरकम हाइवा एवं ट्रालों के माध्यम से जेके सीमेंट कम्पनी अपने उप्र के सीमेंट प्लांटों के लिए सीमेंट पत्थर को क्लींकर के रूप में बदलकर ले जा रही है जिसकी शासन को एक रूपये रायलटी भी नहीं मिल रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि फैक्ट्री की स्थापना केवल उप्र के सीमेंट प्लाण्टों के लिए जेके सीमेंट द्वारा की गई है ताकि पन्ना जिले के खनिज का दोहन कर सके। न लोगों को रोजगार मिला न विधिवत फैक्ट्री का संचालन हो सका।

इनका कहना हैंः- जब उपरोक्त मामले में कलेक्टर पन्ना सुरेश कुमार से चर्चा की गई तो उन्होंने केन नदी से अवैध रूप से पानी लिये जाने एवं रॉ मटेरियल उप्र लिये जाने की दोनों बिंदुओं की जांच कराये जाने की बात कही है।

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