शाम 5 बजे के बाद ओपीडी चिकित्सकों से रहती है खाली, तीन-चार चिकित्सक के अलावा अन्य रहते हैं क्लीनिकों में व्यस्त
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 17 मई। जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढऩ की व्यवस्थाएं दिनों दिन चरमराने लगी है। यहां के चिकित्सक कब आते हैं और कब चले जाते हैं। ठीक तरीके से मरीज भी पता नही लगा पाते हैं। शाम 5 बजे से लेकर 6 बजे तक ओपीडी चिकित्सकों से खाली रहती है। कभी कभार एक्का-दुक्का चिकित्सक नजर आते हैं।
दरअसल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढऩ में नियमित से लेक र संविदा के रूप में पदस्थ चिकित्सकों की संख्या तकरीबन 4 दर्जन हैं। इसके बावजूद बीमार मरीजों का समुचित जांच एवं देखभाल नही किया जा रहा है। आरोप है कि अधिकांश चिकित्सक रोजाना 10 से 11 बजे के बीच ओपीडी में पहुंचते हैं और जैसे ही घड़ी की सुई 1 बजे पर पहुंचती है। चिकित्सक लंच बताकर अस्पताल से चले जाते हैं। इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले चिकित्सक भी रह जाते हैं। दोपहर के वक्त 1 घण्टे के लिए शाम 5 से 6 बजे तक फिर से ओपीडी खुलने का निर्देश है। हैरानी की बात है कि शाम के वक्त चुनिन्दा दो-तीन चिकित्सक ही नजर आते हैं। इनके अलावा अन्य चिकित्सक शाम 5 के बाद दूर-दूर तक नजर नही आते। जबकि हमेशा दर्जनों मरीज चिकित्सकों के इंतजार में घण्टों समय व्यतीत कर देते हैं। इसके बावजूद चिकित्सकों के दर्शन भी नसीब नही होते हैं। अंतत मरीज थक-हार मजबूर होकर जिला चिकित्सालय में सक्रिय दलाल अपने पसंददीदा क्लीनिक व सांठगांठ वाले नर्सिंगहोम मे पहुंचा देते हैं। यह गोरख धंधा कई सालों से जोर पकड़ा हुआ है। अरोप है कि इसमें कथित चिकित्सकों की सहभागिता है। जिनके संरक्षण में दलाल खूब पलपोस रहे हैं। वही यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि कई चिकित्सक को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ शासन प्रशासन के दिशा-निर्देशों को नजर अंदाजकर मनमानी तौर पर ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण अंचलों से आने वाले मरीजों की लगातार फजीहत बढ़ रही है और लचर व्यवस्था को लेकर मरीज चिकित्सकों को कोसने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। कई मरीजों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया।
चिकित्सक नर्सिंग होम व क्लीनिक में व्यस्त
जिला चिकित्सालय बैढऩ के अधिक ांश चिकित्सक अपने क्लीनिक एवं नर्सिंग होम में ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल में केवल हाजिरी देने आते हैं। कुछ चिकित्सक ही पूरे समय दोपहर 1 बजे तक ओपीडी व अपने कक्षों में बैठे नजर आते हैं। शेष चिकित्सक दो से तीन घण्टे जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में ड्यूटी करते हैं और कुछ चिकित्सक ऐसे है कि हाजिरी लगाने के बाद चुपके से अस्पताल के पीछे के दरवाजे से या फिर अस्पताल के बाहर चाय के आड़े में निकल जाते हैं और नर्सिंग होम व क्लीनिक में पहुंच अपना कारोबार तेज कर देते हैं। कुछ चिकित्सक इसके लिए जगजाहिर हो चुके हैं यहां तक कि संविदा चिकित्सक भी मनमानी तौर ड्यूटी कर रहे हैं। उनमें भी सीएस के कार्रवाई का डर नही रहता है।
इनका कहना:-
इन दिनों बुखार, उल्टीदस्त के सर्वाधिक एवं निमोनिया से पीडि़त एक्क-दुक्का बच्चे आ रहे हैं। बच्चों में लू का असर है। हालांकि मैं चार-पॉच दिन के लिए बाहर था। आज ही वापस आया हॅू। जहां बीमार बच्चे जांच के लिए आ रहे हैं।
डॉ. संदीप भगत
बालरोग चिकित्सक
जिला चिकित्सालय, बैढऩ
इनका कहना:-
चिकित्सक संभवत: वार्डो के राउण्ड में रहे होंगे। यदि वहां पर भी नही हैं तो कल मैं इसकी जांच कराकर ओपीडी के समय नदारत रहने वाले चिकित्सकों को नोटिस जारी करूंगा।
डॉ. एनके जैन
प्रभारी सिविल सर्जन, बैढऩ
एवं सीएमएचओ, सिंगरौली