AIMIM प्रमुख ने कहा- यह मुसलमानों और दलितों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास; चुनाव आयोग की ‘संदेहास्पद, अवैध और अनुचित’ प्रक्रिया पर उठाए सवाल।
हैदराबाद, 15 जुलाई, 2025 (नवभारत): बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ओवैसी ने दावा किया है कि चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई ‘सिस्टेमैटिक इंटरनल रिव्यू (SIR)’ प्रक्रिया बिहार में ‘बैकडोर NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स)’ लागू करने की एक साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम विशेष रूप से मुस्लिम और दलित मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
ओवैसी ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया ‘संदेहास्पद, अवैध और अनुचित’ है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग चुपचाप बिहार में एक ऐसी प्रक्रिया शुरू कर रहा है, जो ‘बैकडोर NRC’ से कम नहीं है। यह विशेष रूप से उन मतदाताओं को निशाना बनाने की साजिश है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, या जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं, और इसमें मुख्य रूप से मुस्लिम और दलित समुदाय के लोग शामिल हैं।” ओवैसी ने कहा कि SIR प्रक्रिया के तहत, चुनाव अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं के दस्तावेजों की समीक्षा कर रहे हैं और संदिग्ध पाए जाने पर उनके नाम मतदाता सूची से हटाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि यह कदम लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला, ओवैसी ने चुनाव आयोग से तत्काल प्रक्रिया रोकने की मांग की
AIMIM प्रमुख ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रक्रिया को तुरंत नहीं रोका गया, तो बिहार में बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे, जिसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब बिहार चुनाव की प्रक्रिया जोर पकड़ रही है, चुनाव आयोग को पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए, न कि ऐसी विवादास्पद प्रक्रियाएं शुरू करनी चाहिए जो नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला हों। ओवैसी ने चुनाव आयोग से तत्काल इस SIR प्रक्रिया को रोकने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनकी पार्टी कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों से इसका पुरजोर विरोध करेगी।

