
सीहोर. भगवान शिव की आराधना के पावन माह श्रावण के प्रथम सोमवार को शहर के सभी शिवालयों व देवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी. मनकामेश्वर मंदिर सहित सभी मंदिरों में सुबह से रात तक भगवान का अभिषेक चलता रहा. इसी तरह सीवन नदी से जल भरकर कावडिय़ों की टोली समीपस्थ धाम कुबेरेश्वर पर पहुंची और जलाभिषेक किया.
सावन माह को भगवान शिव की आराधना का माह माना जाता है. रिमझिम फुहारों के बीच भगवान शिव की आराधना करने के लिए शिवभक्त महीने भर अभिषेक करते हैं. श्रावण माह के पहले सोमवार को देखते हुए नगर के सभी मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी. सुबह से ही मनकामेश्वर महादेव मंदिर, श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर, सिद्देश्वर महादेव मंदिर सहित सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही थी. भक्तों ने बिल्व पत्र, दूब और दूध व जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया. इसी तरह सैकड़ों भक्त शहर की सीवन नदी से जल भरकर कुबेरेश्वर धाम पर पहुंचते रहे और अभिषेक किया.
श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर अनेक श्रद्धालुओं द्वारा उज्जैन जाकर महाकाल के दर्शन किए. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग भोजपुर भी पहुंचे. आगामी सोमवार से शहर में नर्मदा जल लेकर कावडिय़ों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. आगामी 6 अगस्त को भव्य कावड़ यात्रा निकाली जाएगी.
आष्टा में भी आस्था से मन रहा श्रावण माह
सावन मास के प्रथम सोमवार के पावन अवसर पर नगर के प्राचीन शंकर मंदिर, संगम मंदिर सहित समस्त शिवालयों में भगवान भोलेनाथ के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया. प्रात:काल से ही शिवभक्तों की लंबी कतारें मंदिरों में दर्शन हेतु लग गई. ओम नम: शिवाय की गूंज और डमरू की ध्वनि से नगर का हर कोना भक्तिमय बना रहा. श्रद्धालुओं ने जल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, गंगाजल एवं विविध पुष्पों से शिवलिंग का अभिषेक कर अपने जीवन में सुख, शांति व समृद्धि की कामना की. शिवालयों को आकर्षक रूप से सजाया गया था. भजन-कीर्तन, कथा व सत्संग के आयोजन भी शिवालयों में सम्पन्न हुए. नगर के प्राचीन शंकर मंदिर पर विशेष पूजन, रुद्राभिषेक व महाआरती का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंदिर समिति द्वारा भक्तों के लिए प्रसाद की भी व्यवस्था की गई थी.
