नयी दिल्ली 10 मई (वार्ता) भारत की औद्योगिक वृद्धि दर मार्च 2024 में पिछले माह की तुलना में घटकर 4.9 प्रतिशत रही। फरवरी में औद्योगिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2024 में खनन क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि वार्षिक आधार पर 1.2 प्रतिशत, विनिर्माण 5.2 प्रतिशत और विद्युत उत्पादन की वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने में इन क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि क्रमश: 6.8 प्रतिशत, 1.5 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत की गिरावट रही थी और कुल मिलाकर वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रही थी।
आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मार्च 2023-24 में औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि वर्ष 2022-23 में औद्योगिक वृद्धि 5.2 प्रतिशत रही थी।
रेटिंग एजेंसी इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मार्च के आंकड़े इकरा के 4.5 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में बिजली उत्पादन में मजबूत वृद्धि हुयी, क्योंकि तापमान बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ी है, जबकि खनिज क्षेत्र की वृद्धि कमजोर रही। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पांच माह के उच्चतम स्तर पर रही, लेकिन इसमें एक योगदान निम्न तुलनात्मक आधार का भी है।
केयर एज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि टिकाऊ उपभोक्ता उद्योग की मार्च की वृद्धि उपभोग के मोर्चे पर उत्साहजनक है। मार्च में टिकाऊ उपभोक्ता उद्योग की वृद्धि 9.5 प्रतिशत रही, जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता उद्योग ने पिछलेे दो माह की गिरावट के बाद 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज किया।
मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नीश भट्ट ने कहा कि अच्छे मानसून, मुद्रास्फीति मेंं गिरावट और शहरी इलाकों से मांग में समर्थन का कुल मिलाकर औद्योगिक क्षेत्र पर अनुकूल असर है, लेकिन भू-राजनैतिक परिस्थितियों, ग्रामीण क्षेत्रों में खपत, अनाज की कीमतों और कच्चे तेल की कीमतों की धार पर निकट भविष्य में ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।