० फर्जी कागज बनाकर गरीबों के मजदूरी डकार गया रोजगार सहायक, मझौली जनपद के बकवा पंचायत का हाल
नवभारत न्यूज
सीधी/मझौली 13 मार्च। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में वर्ष में एक श्रमिक को 100 दिन का रोजगार देने की बजाय रोजगार सहायक ने कई श्रमिकों की मजदूरी 100 दिन से ऊपर भरने एवं राशि आहरण कराने में कोई गुरेज नहीं किया। यह मामला जनपद पंचायत मझौली के ग्राम पंचायत क्षेत्र बकवा का सामने आया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में मजदूरी भुगतान नहीं होने की शिकायत पर जनपद पंचायत मझौली में पदस्थ उपयंत्री राजेश सिंह द्वारा ग्राम पंचायत बकवा में दस्तावेजों की जांच की गई और रोजगार सहायक द्वारा प्रस्तुत किए गए अभिलेख को मय पंचनामा के साथ जनपद पंचायत मझौली में पेश किया गया। जिससे शिकायतकर्ता की शिकायत को झूठा और गलत नीयत से की गई शिकायत करार दिया जा सके लेकिन रोजगार सहायक रामसत्य यादव द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजों की जांच करने पर पता चला किया तो फर्जी है और इन कागजों के सहारे रामसत्य ने खुद को पाक साफ बताने की कोशिश जरूर की है लेकिन यही कागज उसे बेनकाब कर रहे हैं। दरअसल सीएम हेल्पलाइन में एक शिकायत की गई कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्राप्त हितग्राहियों को 90 से 95 दिन की मजदूरी मनरेगा योजना से भुगतान किए जाने संबंधी भारत सरकार के आदेश के बावजूद ग्राम पंचायत बकवा के रोजगार सहायक रामसत्य यादव द्वारा वर्ष 2016-17 में पंजीयन क्रमांक एमपी 1165416 अरुण कुमार बैगा पिता भोला, पंजीयन क्रमांक एमपी 1165429 अजय पिता भैया, पंजीयन क्रमांक एमपी 2529079 इंद्रसेन सिंह पिता बाबूलाल सिंह, 2017-18 में पंजीयन क्रमांक एमपी 1425204 रंगदेव सिंह पिता बुद्धू सिंह मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। उक्त शिकायत की जांच करने के लिए उप यंत्री राकेश सिंह की उपस्थिति में 27 दिसंबर 2023 को ग्राम पंचायत बकवा में एक पंचनामा तैयार किया गया और उसमें 70 पेज के कागज संलग्न किए गए और फिर शिकायतकर्ता को झूठा साबित किया गया लेकिन सही शिकायत की झूठी कहानी गढते-गढते अपनी ही गढ़ी कहानी को खुद फर्जी साबित कर बैठे। इस तरह फर्जीवाड़े में माहिर रोजगार सहायक रामसत्य यादव ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए जो दस्तावेज तैयार किया वही दस्तावेज उसे धोखाधड़ी का आरोपी साबित कर रहे हैं। शिकायत के दूसरे पहलुओं पर अधिकार किया जाए तो केशमन घाशी पिता रंगीलाल को वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना पंजीयन क्रमांक एमपी 235 317 के अंतर्गत मनरेगा से दी जाने वाली मजदूरी उनके शपथ पत्र में 18200 प्राप्त किया जाना दर्शाया गया है जबकि प्रधानमंत्री आवास पोर्टल पर पंचायत द्वारा दर्ज प्रविष्टि के मुताबिक केशमन घाशी को 105 दिनों के लिए 16136 रुपए का भुगतान किया गया है। वर्ष 2019-20 में रामबाई बैगा पत्नी भवानी दिन को पंजीयन क्रमांक एमपी 4027610 अंतर्गत उनके कथन में 16000 रुपए मजदूरी प्राप्त किया जाना बताया गया है जबकि पंचायत द्वारा दर्ज प्रविष्टि के अनुसार उन्हें 92 दिनों के लिए केवल 9120 रुपए का भुगतान किया गया है। वर्ष 2017-18 में सुकवरिया पत्नी जठाठू सिंह को पंजीयन क्रमांक एमपी 1300582 अंतर्गत उनके कथन में 16009 रुपए मजदूरी प्राप्त होना बताया गया है जबकि पंचायत के दस्तावेजों में ही उन्हें 116 दिनों के लिए 19952 रुपए मजदूरी का भुगतान किया जाना बताया गया है।
वर्ष 2019-20 में विष्णु देव सिंह पिता मोतीलाल सिंह को उनके पंजीयन क्रमांक एमपी 4278864 में उनके कथन के मुताबिक पंचायत द्वारा 15000 रूपये की मजदूरी का भुगतान किया जाना लेख किया गया है जबकि पंचायत के दस्तावेजों के मुताबिक उन्हें 89 दिनों के लिए 8930 की मजदूरी का भुगतान किया गया है। इस तरह देखा जाए तो ग्राम पंचायत बकवा में रोजगार सहायक रामसत्य यादव ने मजदूरी की राशि को डकारने के लिए न सिर्फ फर्जी दस्तावेज तैयार किया बल्कि हितग्राहियों को धोखे में रखकर उनके कथन और अंगूठे के निशान भी ले लिए। इतना ही नहीं शासन के नियमों को ताक पर रखकर 90 से 95 दिन की बजाय 100 से भी अधिक दिनों की मजदूरी का भुगतान किया जबकि मनरेगा के नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति को एक वर्ष में केवल 100 दिनों का ही रोजगार दिए जाने का निर्देश भारत सरकार द्वारा दिया गया था।
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एक व्यक्ति ने दो जगहों पर की मजदूरी
वर्ष 2017-18 में रंग देव सिंह को पंजीयन क्रमांक एमपी 1425204 के तहत प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ। रंग देव सिंह के पुत्र छत्रपाल सिंह से सहमति प्राप्त कर दीनानाथ पिता तेजलाल को दिनांक 10.05. 2018 से 16.05.2018 तक जॉब कार्ड संख्या 369 में रंगदेव सिंह के आवास पर काम करने के लिए मजदूरी कब भुगतान किया जाना सहमति पत्र में उल्लेख किया गया है। दीनानाथ पिता तेज लाल के जॉब कार्ड संख्या 369 को जब अवलोकन किया गया तो पता चला कि उक्त दिनांक तक दीनानाथ पिता तेज लाल प्रधानमंत्री आवास पंजीयन क्रमांक 1424099 में काम कर रहे थे जो कि वर्ष 2017-18 में ही ललती पति बाबई के नाम पर स्वीकृत है अब एक ही आदमी दो जगह काम कैसे कर सकता है यह तो सिर्फ राम सत्य यादव को ही मालूम है। इसी तरह का एक सहमति पत्र रंग देव सिंह के ही आवास के लिए फूल कुमारी अगरिया पति अजमेर अगरिया का संलग्न किया गया है और उसे 25.10.2017 से 07.11.2017 तक उसके जॉब कार्ड संख्या 402 डी में रंगदेव सिंह स्थान में काम करना बताया गया है जबकि फूल कुमारी अगरिया पति अजमेर अगरिया के जॉब कार्ड संख्या 402 डी में दर्ज प्रविष्टि के मुताबिक उक्त दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास पंजीयन क्रमांक 1424099 में काम कर रही थी जो कि ललित पत्नी बाबई के नाम पर स्वीकृत है।
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इनका कहना है
बकवा पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये उन्हें जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। यह मामला मनरेगा से संबंधित होने के कारण उनके द्वारा मामले की जांच मनरेगा से संबंधित अधिकारी से कराने को लिखकर प्रकरण जनपद पंचायत मझौली के सीईओ को वापस कर दिया गया है।
अनिल सिंह चौहान, ब्लाक समन्वयक मझौली
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