नयी दिल्ली (वार्ता) कारोबारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के अत्यधिक छूट की पेशकश की कड़ी आलोचना की और उन पर देश के खुदरा व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री एमेरिटस प्रवीण खंडेलवाल ने कई बैंकों को भी आड़े हाथों लिया, जिन्होंने इन ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स पर ख़रीदारी के लिए विशेष छूट और कैशबैक की पेशकश की है। उन्होंने इसे छोटे खुदरा व्यापारियों को व्यापार से बाहर करने की एक सोची-समझी साजिश बताया।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अमेजन ने मोबाइल फ़ोन और एक्सेसरीज़ पर 40 प्रतिशत तक की छूट और लैपटॉप पर छूट की घोषणा की है जबकि शीर्ष टेलीविजन ब्रांड पर छूट 65 प्रतिशत तक जा सकती है। वॉशिंग मशीन, रेफ़्रिजरेटर और एयर-कंडीशनर पर 75 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है। अमेज़न की त्योहारी छूट योजना के तहत 5जी स्मार्टफोन 8,999 तक की कम कीमत पर उपलब्ध होंगे।
कैट अध्यक्ष एवं महामंत्री ने कहा कि ये कदम कानूनों और नियमों की स्पष्ट अवहेलना को दर्शाते हैं। हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा जारी की गई जांच रिपोर्ट इन ई-कॉमर्स दिग्गजों के अनैतिक व्यापारिक तरीकों और कार्यप्रणाली को उजागर करती है, फिर भी ये कंपनियां उसी तरह के हानिकारक व्यापारिक तरीकों को जारी रख रही हैं। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां भारत को ‘बनाना गणराज्य’ समझती हैं और देश के कानूनों और नियमों का बिल्कुल भी सम्मान नहीं करतीं। कई ब्रांड भी इस अनैतिक खेल में शामिल हैं।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि भले ही ये छूट उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए दी जा रही हो लेकिन ये खुले तौर पर निष्पक्ष व्यापार और मूल्य निर्धारण से संबंधित नियमों का उल्लंघन करती हैं। इतनी अधिक छूट न केवल बाज़ार की प्रतिस्पर्धा को विकृत करती है, बल्कि छोटे व्यापारियों और उन व्यवसायों के लिए एक असमान स्थिति पैदा करती है जो इतनी भारी छूट देने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने सरकार से इन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने, जिसमें उनके त्योहारी बिक्री को निलंबित करना शामिल है, का आग्रह किया है ताकि खुदरा क्षेत्र के हितों की रक्षा हो सके और निष्पक्षता बहाल की जा सके।