नयी दिल्ली 29 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की पैदावार के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए कहा है कि प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने की कोशिश होनी चाहिए।
श्री चौहान ने मंगलवार को यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ बैठक में कहा कि कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है। इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन करने के प्रयास होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब अंतिम पंक्ति का किसान समृद्ध बनेगा, तभी सही मायनों में विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। उन्होंने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज किस्में विकसित करने पर जोर दिया।
चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार की बजट घोषणा (2025-26) की प्रमुख चार घोषणाओं, जिसमें दलहन में आत्मनिर्भरता, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन, कपास उत्पादकता के लिए मिशन, फसलों के जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक में तेजी से प्रगति के साथ कार्य करने को कहा। उन्हाेंने अच्छी किस्म के बीज विकसित करने की दिशा में पूरी प्राथमिकता और समर्पण से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने दलहन में मेढ़ वाली किस्म विकसित करने पर भी जोर दिया।
श्री चौहान ने कहा कि दलहन को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से जोर देते हुए उन्होंने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा की बात कही। उन्होंने कहा और किसानों में सोयाबीन के पैदावार के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरुकता अभियान चलाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि गेहूं और चावल के साथ, दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की उपज पर भी जोर देने की आवश्यकता है।
