कोलकाता, 12 अप्रैल (वार्ता) वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और सुती में दंगा तथा आगजनी करने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों के समूहों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले एवं लाठीचार्ज किये लेकिन इसके विफल होने पर पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाईं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जला दिया, दुकानों को लूट लिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने कहा कि जब हिंसक भीड़ को काबू करने में आंसू गैस और लाठीचार्ज विफल हो गया तो पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाईं। भीड़ ने वाहनों, दुकानों में तोड़फोड़ करने और संपत्ति लूटने के बाद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
उन्होंने बताया कि झड़प में दो नागरिक और 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा प्रभावित सुती के समसेरगंज और सिजिमोर में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
समसेरगंज में पिता-पुत्र की जोड़ी उनके घर में कई जख्मों के साथ मृत पाई गई, वहीं शुक्रवार को सुजीमोर में गोली लगने से घायल हुए एक युवक की आज मुर्शिदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिता और पुत्र के शवों को आज दोपहर पोस्टमार्टम के लिए जंगीपुर अस्पताल लाया गया।
शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 15 पुलिसकर्मियों समेत 17 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद में शनिवार को फिर से हिंसा हुई जिसमें एक व्यक्ति को गोली लग गई।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने कहा कि झड़पें मुर्शिदाबाद में हुईं और उन्होंने आगजनी और दंगा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर शुक्रवार को समसेरगंज ब्लॉक के धुलियान और जिले के सुती और समसेरगंज क्षेत्रों में हिंसक घटनाएं भड़क उठीं।
शुक्रवार की हिंसा के बाद जिले के कुछ इलाकों में बीएसएफ को तैनात किया गया, जो बांगलादेश की सीमा से सटे हैं।
इस बीच, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार दोपहर कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की, जहां रेलवे की संपत्ति में तोड़फोड़ की गई थी। उन्होंने मामले में तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम के समक्ष एक विशेष आवेदन प्रस्तुत किया।