8 से 15 राइफल,5 पिस्तौल व 150 कारतूस जब्त

20 साल से बंदूक की दुकान का लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी बेटा बेच रहा था असलहा

खंडवा: बंदूक और कारतूस के संवेदनशील धंधे में भी प्रशासन ध्यान नहीं देता। 2005 में पिता के नाम से चलने वाली बंदूक की दुकान का लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी उसका बेटा हथियार और कारतूस बेचता रहा। आसपास के शिकारी उससे असलहा खरीदते रहे। संबंधित विभाग चुपचाप रहा।इसकी पोल खुली तो भारी मात्रा में मौत का सामान जप्त हुआ। इसमें खंडवा की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। 10 दिन में 100 से अधिक लोगों से मोघट थाने लाकर पूछताछ भी की। इनमें से 15 रायफल, 5 पिस्टल और 150 कारतूस के साथ 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शिकार के शौकीन थे
आरोपी शिकार खेलने और अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए अवैध हथियार रखते थे। बंदूक व्यवसाई अजहर बख्श द्वारा लाइसेंस निरस्त के बाद भी हथियार बेचने का काम जारी था। 6 लाख रुपए से अधिक कीमत के अवैध हथियार पुलिस ने बरामद किए हैं। खंडवा में लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
इन 8 को कार्रवाई
के लिए चुना
सूचना की तस्दीक होने पर गठित टीम ने योगेन्द्र श्रीवास्वतव पिता राजबहादुर श्रीवास्तव जोशी कालोनी खंडवा, अंकित सेन पिता तरूण सेन दुबे कालोनी खंडवा, असफाक पिता मेहमूद अहमद बुधवारा मस्जिद के पास खंडवा, मोहम्मद फारूख पिता मोहम्मद अली सिविल लाईन शांति नगर खंडवा, सिकंदर पिता रज्जाक खान मदनी थाना हरसूद, शेख वसीम पिता शेख रसीद हातमपुरा खंडवा, फिरोज पिता करामत खान गुलमोहर कालोनी खंडवा आशीष पिता नरेश नरवाले रेल्वे हास्पिटल के पीछे खंडवा को गिरफ्तार कर कुल 08 अपराध पंजीबद्ध किए ।
बेटे ने चलाई शस्त्रकी अवैध दुकान
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ किये जाने पर ज्ञात हुआ कि जप्तशुदा अवैध हथियार पूर्व बंदूक व्यापारी अजहर बक्श जिसके पिता इलियास बक्श के नाम पर शस्त्र बेचने का लायसेंस था।
वर्ष 2005 में शासन द्वारा निरस्त कर दिया गया है। उसके बाद भी अजहर बक्श अवैध रूप से हथियार बेचने का काम करता रहा है। शहर व आस-पास के शिकारियों को बड़ी मात्रा में कारतूस भी प्रदाय करता रहा है। इस मामले में आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया जा रहा है। इसमें और बरामदगी व आरोपियों की संख्या बढ़ेगी।
5 दिन से लगी थी टीम
आरोपियों को गिरफ्तार करने में निरी. संजय पाठक, उनि जॉन बारिया, भीम सिंह मंडलोई, राजेंद्र सयदे, सउनि नरेंद्र श्रीवास्तव, रमेश मोरे, अमजद खान, इंद्रजीत सिंह चौहान, महेंद्र यादव, प्रआर महेंद्र वर्मा, राजीव यादव, नरेंद्र भलावी, आर. राहुल, नितिन रघुवंशी, चालक संजय, मोहम्मद सिकंदर, अनुराग की सराहनीय भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक द्वारा इन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

ऐसे खुला राज

एसपी मनोज कुमार राय ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के उपरांत लायसेन्स धारी शस्त्रों के स्वामियों द्वारा अपने लायसेन्सी हथियार थानों में जमा करा दिए गए थे। फिर भी कुछ लोगों के पास अवैध हथियार मौजूद हैं। इस आधार पर सूक्ष्मता से पड़ताल की गई तो शहर व आस पास के कुछ व्यक्तियों के पास शिकार खेलने व अन्य गतिविधियां संचालित करने हेतु अवैध हथियार रखने की जानकारी मिली।

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