नयी दिल्ली, 28 मार्च (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) के राजीव प्रताप रूड़ी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि विमान यात्राओं का किराया अधिक होने के पीछे कई कारक हैं और जब तक छोटे शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं होता किराया कम नहीं होगा।
श्री रूड़ी ने लोकसभा में गैर-सरकारी कामकाज के तहत कांग्रेस सांसद शफी परम्बिल के ‘देश में हवाई यात्रा किराये के विनियमन के लिए उचित उपाय’ संबंधी निजी संकल्प पर पूर्व में अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े हवाई अड्डों के बीच विमान यात्रा का किराया सामान्यत: बहुत अधिक नहीं होता क्योंकि वहां इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह विकसित हो चुकी है, वहीं पटना, रांची और बागडोगरा जैसे छोटे केंद्रों पर बुनियादी ढांचा अल्पविकसित होने की वजह से किराया अधिक होता है।
उन्होंने कहा कि देश में विमानन क्षेत्र में अब तक के सबसे अच्छे फैसलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के एअर इंडिया के विनिवेश के निर्णय को गिना जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नागर विमानन मंत्री थे तो डेक्कन समेत अनेक ‘लो कोस्ट’ (कम किराया वाली) एयरलाइन शुरू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन कई निजी कंपनियां इस प्रयास के खिलाफ एकजुट हो गईं।
उन्होंने कहा कि आज के समय एक भी निजी विमानन कंपनी नहीं कहती कि वह लो कोस्ट एयरलाइन है। वह अवधारणा ही समाप्त हो गई है।
भाजपा नेता ने कहा कि हवाई अड्डों पर सुरक्षा लागत, यूजर डवलपमेंट फी (यूडीएफ), राज्य सरकारों द्वारा विमान ईंधन (एटीएफ) पर लगने वाला वैट शुल्क, विमान उपकरण प्रबंधन पर खर्च, टिकट बिक्री प्रमोशन जैसे खर्च भी टिकट में शामिल होते हैं जो सीधे नजर नहीं आते।
उन्होंने कहा कि आज भारत और दुनियाभर में कोई विमानन कंपनी हवाई जहाज नहीं खरीदती और वर्तमान में संचालित 80 प्रतिशत विमान पट्टे पर हैं और कंपनियों को उनका किराया भी देना पड़ता है।
श्री रूड़ी कहा कि उन्हें श्वास है कि श्री मोदी के नेतृत्व में और नागर विमानन मंत्री के प्रयासों से आने वाले 10 साल में भारत विमान उड़ान प्रशिक्षण का बड़ा केंद्र बनेगा।
उन्होंने कुछ मिनट के अंतर पर ही विमान किराया बढ़ने के लिए एआई को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एआई का प्रकोप टिकटिंग पर आ गया है। जो टिकट अभी 7000 रुपये में मिल रहा है, वहीं दोबारा बुक करने पर 9000 रुपये का दिखाई देता है। इस दिशा में सरकार को ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा,“ इस सदन के सभी सदस्य चाहते है कि हवाई टिकटों के दाम कम हो लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। हवाई कंपनियों के लाभ कमाने से हमें आपत्ति नहीं है लेकिन हम लूट को बर्दास्त नहीं कर सकते है। सरकार को हवाई टिकटों के दामों को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।”
समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि प्रवासी मजदूर विदेशों में रखकर अपने देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करने वाले से जुड़ा मामला है। सरकार हवाई चप्पल वालों को हवाई उतरा करने का नारा भी हवा हवाई रहा। उन्होंने कहा सत्तापक्ष के सदस्य के भाषण में कंपनियों की चिंता तो दिखी लेकिन बढ़े किराए पर उन्होंने कुछ नहीं कहा है।
उन्होंने कहा,“ हमने आपदा में अवसर को सुना था लेकिन भाजपा ने कुंभ में भी अवसर तलाश लिया। विदेश जाना तो सस्ता था लेकिन दिल्ली से प्रयागराज जाना महंगा था। किराया इतना महंगा था कि आम आदमी हवाई जहाज से कुंभ नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि हवाई जहाज का किराया इतना हो गया कि हम जहाज छोड़कर ट्रेन से दिल्ली आ रहे हैं।”
सपा नेता आनंद भदौरिया ने कहा,“ हवाई अड्डे पर हमें सुरक्षा के लिए ख़ुद खर्चा उठाना पड़ता तो सरकार क्या काम करेगी। क्या सरकार हवाई अड्डे की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों का खर्च नहीं उठा सकती है।”
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर साल में एक बार ही घर आता है लेकिन उसकी कमाई का बड़ा हिस्सा किराए में चला जाता है। सरकार को हवाई किराए पर एक उचित सीमा तय की जानी चाहिए ताकि उससे ऊपर किराया नहीं वसूल कर सकें।
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि हवाई किरायों में बढ़ोतरी ना केवल अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर है बल्कि घरेलू उड़ानों के किराए भी बहुत अधिक है। सरकार के पास मॉनीटरिंग की व्यवस्था है लेकिन विमानों के किराए को लेकर कुछ नहीं हो रहा है और लोगों से मनमानी किराया वसूल किया जा रहा है। वर्ष 2019 से 2024 में घरेलू हवाई किरायों में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। हर साल त्योहार के मौसम में किरायों में अधिक बढ़ोतरी हो जाती है। त्योहार के मौसम में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने से लोगो को इसका भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि दो एयरलाइंस बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से कवर को करती हैं जिससे किराए में बढ़ोतरी हो रही है।
समाजवादी पार्टी के वीरेन्द्र सिंह कहा कि हवाईअड्डों पर जिन बुनियादी ढांचे की जरूरत थी, वे नहीं बनाये गये। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पहले नागर विमानन महानिदेशालय बहुत सक्रिय था और हवाई किराया और सेवाओं पर नियंत्रण था, आज हवाई यात्रा से जुड़ी कंपनियां किराया बढ़ाती जा रही है। आज मांग के अनुरूप किराये में वृद्धि देखते हैं, मांग के अनुरूप ही यात्रा के किराये को घटाया-बढ़ाया जाता है, यह स्थिति आम आदमी के लिये बड़ी कठिन है।
श्री सिंह ने कहा कि हवाईअड्डों के स्टॉलों पर खाने-पीने के सामान के दाम बहुत ज्यादा होते हैं। इंतजार करने के समय में यात्रियों को हवाईअड्डे पर पानी तक पूछा नहीं जाता। उन्होंने कहा कि वाराणसी से दुबई के लिये हवाई सेवा बंद है, जिसे शुरू किया जाना चाहिये। बौद्ध कॉरिडोर वाराणसी, लुम्बनी और गया के लिये हवाई यात्रा की सुविधायें बढ़ायी जायें। इस कॉरिडोर में बौद्ध श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते-जाते हैं।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हवाई किराये में भारी वृद्धि के कारण बहुत से लोग प्रयागराज के महाकुंभ में भी नहीं जा पाये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी को हवाई यात्रा का जो सपना दिखाया था, वह हवा-हवाई हो गया है। देश की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी हवाई यात्रा की सोच भी नहीं सकता। हवाई अड्डों पर पेयजल की सुविधा तक नहीं है। पेयजल की एक बोतल 100-120 रुपये तक में मिलती है। उन्होंने कहा, “ नागरिक उड्डयन मंत्री महोदय से बहुत उम्मीद हैं, उड्डयन क्षेत्र में आप कुछ नया करके दिखायेंगे। ”
उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र नगीना में एक हवाईअड्डा बनाने की मांग की। उन्होंने हवाईअड्डों पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने और वहां नियुक्तियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को आरक्षण प्रदान करने की भी मांग की।
कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल ने केरल के विदेशों में काम करने वाले कामगारों के आने-जाने में किराये में अत्यधिक पैसे खर्च होने का मुद्दा उठाया और मांग की इसे नियमित किया जाना चाहिये। आपात स्थिति में जाने वाले लोगों के लिये किराये में छूट दिये जाने की भी उन्होंने मांग की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) (एल) के राजाराम सिंह ने कहा कि फ्लेक्सी किराये के नाम एयरलाइन कंपनियां यात्रियों का दोहन और शोषण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेन, सड़कें और हवाईअड्डे किसानों की जमीनों पर बनते हैं, लेकिन उनके लिये कुछ नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा, “यहां खून-पसीने की बात करना बेईमानी है, अमीरों की चर्बी की बात की जाती है। ”
भाजपा के प्रवीण पटेल ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के बाद अब प्रयागराज के लिये उड़ानों की संख्या बहुत कम हो गयी है। उन्होंने कहा कि वहां अब दिन में चार-पांच उड़ानें ही आती-जाती हैं, इन्हें बढ़ाया जाना चाहिये।