नयी दिल्ली, 28 मार्च (वार्ता) लोकसभा में शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन योजना-95 (ईपीएस-95) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को बहुत ही कम बताते हुये इसको कम से कम इतना किये जाने की मांग की गयी कि निजी क्षेत्र के सेवानिवृत्त कर्मियों को गुजर-बसर में कुछ ठोस मदद हो सके।
शिवसेना के श्रीरंग आप्पा बरने ने शून्य काल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुये मांग की कि ईपीएस-95 के तहत इस समय पेंशनभोगियों को मात्र एक हजार रुपये महीने की न्यूनतम पेंशन मिलती है, जिससे आज की महंगाई के दौर में जीवन गुजारना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ईपीएस-95 की यह व्यवस्था निजी क्षेत्र के पेंशनभोगियों के साथ एक तरह का यह अन्याय है।
श्री बरने ने इस योजना के तहत न्यायोचित वृद्धि की सरकार से पुरजोर अपील करते हुये कहा कि पेंशन भोगी पेंशन बढ़ाने के लिये बार-बार धरने-प्रदर्शन को मजबूर हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठ नागरिकों को अपनी मांग उठाने के लिये इस उम्र में दिल्ली में जंतर-मंतर पर आंदोलन करना पड़ रहा है।
श्री बरने ने कहा कि सरकार को कोश्यारी समिति की सिफारिशों के अनुसार इन पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन निर्धारित करनी चाहिये। उन्होंने ईपीएस-95 के तहत पेंशन पाने वाले कार्मिकों की पेंशन कम से कम 9000 रुपये करने की मांग की।