
पानसेमल। ग्राम पन्नाली में होली दहन के बाद मेले का आयोजन होता है,जिसमे आसपास क्षेत्र से भी समाजजन शामिल होते हैं ,पन्नाली में होली दहन की विशेषता यह है कि होली दहन के दौरान दांडे में लगे ध्वज को आग की लपटों से कोई क्षति नहीं पहुंचती है,उपस्थित पटेल परिवार के सदस्य ने बताया कि आदिवासी रीति रिवाज अनुसार होली दहन होता है ग्राम पटेल,वारती,पुजारा और डाहला ग्राम के वरिष्ठ जनों द्वारा होली का समय तय करते हुए उसका परम्परा अनुसार पूजन किया जाता है ,उनके हाथों में रखे ध्वज की जानकारी देते हुए उन्होंने उसकी विशेषता बताई,क्षेत्र के ग्राम पन्नाली में आयोजित मेले में आदिवासी समाज की पारंपरिक झलक देखने को मिली जिसमे बच्चे और युवा अपनी मन्नत के लिए सिर पर अलग अलग आकृति बनाकर नृत्य कर रहे,युवतियों ने परिवार के सदस्यों के साथ होली के पारंपरिक गीत गाए।
