जबलपुर: त्रिपुरी चौक स्थित गढ़ा पुलिस थाने के बाहर व्यवस्थाएं चरमरा गई है। पुलिस थाने के मुख्य गेट एवं दीवार में सटकर मिट्टी से बने घड़े, बर्तन वालों का कब्जा हो चला है। आलम यह है कि पूरे त्रिपुरी चौराहे पर तरह-तरह कि वस्तुएं एवं फल, सब्जी वालों से यह चौराहा पटा हुआ है। इन अतिक्रमणकारियों की भेंट पुलिस थाना भी चढ़ चुका है। जिसके चलते कोई भी फरियादी थाने पहुंचने से पहले थाने को ढूढऩे में व्यस्त हो जाता है। स्थित इतनी अराजक हो चली है कि थाने के मुख्य गेट को भी ढूढऩे में समय लग रहा है। ऐसे स्थिति में अगर पुलिस महकमें को आनन-फानन में अगर कारवाई पर जाना पड़े तो इस समस्या से निकल पाना उनके लिए भी कठिन साबित होगा।
बीच सडक़ पर खड़े होते ऑटो-बस
मदन महल से त्रिपुरी चौक एवं त्रिपुरी चौक से तिलवारा तक चलने वाले ऑटों-बस चालक बीच सडक़ पर रूकने को अब मजबूर हो चले है। इसका कारण सिर्फ अवैध रूप में जमे मिट्टी के मटके, फल-सब्जी के ठेले एवं चाय-नाश्ते वाले है। जिनका कब्जा फुटपॉथ के साथ मुख्य सडक़ पर भी हो चली है। यह अवैध कब्जेधारी पूरे त्रिपुरी चौराहे पर कब्जा जमा कर बैठे है। जिसके चलते यह चौराहा अब बॉटल नैक बन चुका है। ट्रैफिक के भारी दबाव से जूझते त्रिपुरी चौक पर अतिक्रमण के कारण वाहन उच्च गति से क्र ॉस नहीं हो पाते हैं जिसके चलते इस चौराहे पर जाम के हालात बनते बिगड़ते रहते है।
निश्चित खड़ी पुलिस
गढ़ा थाने के सामने से लेकर पीसनहारी की मढिय़ा तक बनी हेलमेट, सीट बेल्ट मार्ग पर पुलिस आराम से खड़ी दिखी। गढ़ा थाने के सामने बेधडक़ जमे अतिक्रमणकारियों पर कारवाई करने कि बजाए पुलिस निश्चित होकर ड्यूटी देती दिखी। सडक़ में अतिक्रमण हटाने की बजाए नगर प्रशासन की लापरवाही के कारण यह कब्जेधारी दिन व दिन जमते चले जा रहे है। नगर प्रशासन को इन कब्जेधारियों पर नकेल कसकर चौराहे को ट्रैफिक से मुक्त एवं थाना परिसर के सामने से इन लोगों को विस्थापित करना चाहिए।
इनका कहना है
हमें इसकी जानकारी है। लोकसभा चुनाव के चलते ड्यूटी पर बाहर हूं। जिला मुख्यालय लौटने पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जायेगी।
डीपी सिंह चौहान, सीएसपी, गढ़ा