भोपाल (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि दशहरा का पावन पर्व भगवान श्रीराम की उस कार्यशैली और आदर्शों को सामने लाता है, जिसमें उन्होंने बिना साधनों के समाज को साथ लेकर चलने का संदेश दिया।डॉ यादव आज यहां के बिट्टन मार्केट में अरेरा राजधानी उत्सव समिति के दशहरा उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का दशहरा इसलिए अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि 500 वर्ष के संघर्ष के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम मुस्कुरा रहे हैं। मध्यप्रदेश में इस वर्ष दशहरे पर पूरे प्रदेश में शस्त्र-पूजन के कार्यक्रम हुए हैं। हम विजयादशमी पर लोकमाता अहिल्यादेवी के लोक कल्याणकारी कार्यों का स्मरण कर रहे हैं।
मुख्यमत्री ने कहा कि हमारे देवता शास्त्रों के साथ शस्त्र लेकर चलते थे। उन्होंने शस्त्र-पूजन की परम्परा प्रारंभ की थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई की नगरी रही महेश्वर में आज शस्त्र-पूजन समारोह में शामिल होकर लोकमाता के कार्यों का स्मरण किया। लोकमाता अहिल्या बाई ने काशी, विश्वनाथ, द्वारका और अन्य देव्य स्थानों के निर्माण और विकास में योगदान दिया। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करते हुए सुशासन के आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किए। महेश्वर के कुटीर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज महेश्वरी साड़ी विश्व प्रसिद्ध है।
डॉ यादव ने इस अवसर पर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला का अंश भी देखा। उन्होंने भगवान श्रीराम के स्वरूप की अराधना कर उनका राजतिलक किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी पर्व समारोह के निरंतर 46 वर्ष इस समिति की सक्रियता का उदाहरण हैं। स्व. श्री रमेशचंद्र अग्रवाल ने यह प्रकल्प प्रारंभ किया था। समिति द्वारा कुशलतापूर्व विजयादशमी पर्व मनाने की परम्परा निभाई जा रही है।
सांसद आलोक शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में भोपाल की महापौर मालती राय, किशन सूर्यवंशी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, सुमित पचौरी, शैतान सिंह पाल, सुनील पांडे और वरिष्ठ साहित्यकार गौरी शंकर शर्मा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अयोध्या धाम के श्रीराम मंदिर की झांकी में पहुंचकर देवी माँ की पूजा-अर्चना की। रावण दहन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।