बेल्जियम के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर ने की द्विपक्षीय बैठक

नयी दिल्ली 03 मार्च (वार्ता) विदेश मंत्री एस जयशंकर और बेल्जियम के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रिवोट के बीच आज यहां व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, डिजिटल बुनियादी ढांचे, गतिशीलता और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई।

बेल्जियम आर्थिक मिशन का नेतृत्व कर रहीं राजकुमारी एस्ट्रिड के साथ आये वहां के विदेश मंत्री श्री प्रिवोट के साथ दोपहर में हैदराबाद हाउस में हुई बैठक के बाद डाॅ. जयशंकर ने राजकुमारी एस्ट्रिड से भी भेंट की। उन्होंने एक्स पर कहा, “आर्थिक मिशन का नेतृत्व कर रहीं बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि उनकी यात्रा से भारत-बेल्जियम और भारत-यूरोपीय संघ की साझीदारी को और मजबूत बनाने के लिए अधिक सहयोग मिलेगा।”

बेल्जियम के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के बाद डॉ. जयशंकर ने बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा, “व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, डिजिटल बुनियादी ढांचे, गतिशीलता और रक्षा में हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की। ‘मेक इन इंडिया, भारत में डिजाइन और भारत में अनुसंधान’ के नए अवसरों पर प्रकाश डाला। हमारे यूरोपीय संघ और बहुपक्षीय सहयोग के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने के बारे में भी बात की।”

बैठक में अपने आरंभिक वक्तव्य में डॉ. जयशंकर ने कहा, “हमारे संबंध, निश्चित रूप से, हमेशा अच्छे रहे हैं। बेल्जियम स्वतंत्र भारत में दूतावास स्थापित करने वाले पहले यूरोपीय देशों में से एक था। और, निश्चित रूप से, हमारे पास एक ऐतिहासिक संबंध भी है। आपकी भूमि पर अभी भी भारतीय सैनिकों के युद्ध स्मारक हैं। लेकिन व्यापार, उद्योग, शिक्षा, नवाचार, संस्कृति – जैसे कई मुद्दों पर जो बहुत अच्छे, स्थिर संबंध रहे हैं, आज उनके और अधिक समकालीन स्वरूप में विकसित होने की संभावना है। हम सेमीकंडक्टर, एआई, स्वच्छ ऊर्जा और अनुसंधान एवं नवाचार पर विचार कर रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं। और मुझे विशेष रूप से खुशी है कि हमें राजकुमारी एस्ट्रिड का स्वागत करने का अवसर भी मिला है जिनके साथ लगभग 360 व्यावसायियों के साथ प्रभावशाली आर्थिक मिशन आया है।”

विदेश मंत्री ने कहा कि इस यात्रा में आर्थिक मिशन में शामिल व्यावसायियों को भारत में क्या हो रहा है, इसका आकलन करने, ‘मेक इन इंडिया, डिजाइनिंग इन इंडिया, रिसर्चिंग इन इंडिया, इनोवेटिंग इन इंडिया’ का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। और हमें पूरा विश्वास है कि आर्थिक मिशन वास्तव में सहयोग के उच्च स्तर की ओर ले जाएगा।

दोेनों विदेश मंत्रियों ने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की।

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