राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इंदौर विभाग आमतौर पर सार्वजनिक मामलों में दखल नहीं देता, लेकिन पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कथित छात्र नेताओं ने जिस तरह होलकर कॉलेज कांड को अंजाम दिया, उसके बाद संघ ने नाराजगी दिखाई है. सूत्रों के अनुसार इस नाराजगी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मालवा प्रांत इकाई ने 2 छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया. इस मामले में उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि पीड़ित प्रोफेसरों का एक बड़ा वर्ग संघ से भी जुड़ा है.
बहरहाल,इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज में हुई एक घटना के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने दो सदस्यों, आलेख द्विवेदी और सचिन राजपूत को संगठन से निष्कासित कर दिया है. सनद रहे पिछले दिनों कॉलेज परिसर में छात्रों ने होली के पोस्टर हटाए जाने के विरोध में जमकर हंगामा किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने यशवंत हॉल में बैठक कर रहे 150 से अधिक प्रोफेसरों को लगभग आधे घंटे तक बंधक बनाए रखा.
छात्रों ने हॉल के गेट पर लकड़ी फंसा दी और बिजली बंद कर दी, जिससे हॉल में मौजूद प्रोफेसर घबरा गए. इसके बाद छात्रों ने प्रिंसिपल के कार्यालय में घुसकर हंगामा किया और जवाब मांगने लगे. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल, डॉ. अनामिका जैन ने तुरंत भंवरकुआं थाने में शिकायत दर्ज करवाई और कलेक्टर आशीष सिंह को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. कलेक्टर के निर्देशानुसार, अपर कलेक्टर राजेंद्र सिंह रघुवंशी द्वारा जांच की गई, जिसमें प्रिंसिपल की शिकायत को सही पाया गया.
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख छात्र आलेख द्विवेदी, पीयूष कामविस्दार, सचिन राजपूत और सना थे. रिपोर्ट में इन सभी छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है. इस घटना के बाद एबीवीपी की ओर से भी कड़ा कदम उठाया गया. एबीवीपी महानगर कार्यालय मंत्री लवीश जाधव ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस हंगामे की निंदा की और दोनों को संगठन से निष्कासित किया. सूत्रों के अनुसार अभाविप की कार्रवाई के पीछे संघ का फीडबैक और नाराजगी