
सडक मार्ग दर्जनों स्थान पर लाँक,रेलवे स्टेशन भी ठसाठस हुआ
सतना.कु भ स्नान के लिए अचानक उमड़ी भीड़ ने विन्ध्य की व्यवस्था को लडखडा दिया है.सतना और रीवा के राष्ट्रीय राजमार्गों को कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थाई तौर पर बन्द कर दिया गया है.सड़क मार्ग से आ रही दिक्कतों के चलते लोग रेलमार्ग का सहारा लेने पहुचे तो यात्रियो की अचानक बडी संख्या में आमद से स्टेशन के अन्दर और बाहर पैर रखने के लिए भी जगह नहीं बची.
गौरतलब है कि सप्ताह के अंतिम दिन होने के कारण वाहनों की अचानक बढ़ी आमद ने कुंभ के नाम पर की जाने वाली अतिरिक्त व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.बीच सड़क में परिवार के साथ वाहनों में बैठकर छुटटी मना रहे लोग खाने-पीने के समानों के साथ-साथ पानी के लिए भी तरस रहे है.मिल रही जानकारियों की मुताबिक सबसे ज्यादा खराब हालत विश्व प्रसिद्ध चित्रकूट के हैं.वहां पहुचने वाल यात्री बीती रात से अपना वाहन लेकर न घुस पा रहे न ही निकल पा रहे.यूपी और एम पी की पुलिस ने यातायात की सुगमता के लिए बनाए गए बायापास मार्गों को सभी जोडने वाले स्थानों से बैरिकेटिंग करके बन्द कर दिया है.कई घण्टों के इन्तजार के बाद कुछ देर के लिए रोक को हटाया जाता है.और कुछ सीमित संख्या में वाहन रवाना होने के बाद बन्द कर दिया जाता है.कस्बे के अन्दर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में हजारों की तादाद में बस और छोटे-बडे वाहनों ने सडक के दोनो ओर कब्जा जमा रखा है.जगह-जगह यात्रियों ने खुले आसमान के नीचे अपने पडाव बना रखे है.
दूसरी तरफ मां शारदा के नगर मैहर के अन्दर भी लोगों की बढी आमद से दिक्कतें शुरू हो चुकी है.पुलिस ने पिछले चौबीस घण्टे के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर चार जगहों पर वाहनों की आवाजाही को रोक रखा है.बताया गया है कि ऊपर से मिले निर्देश के बाद कुछ जगहों पर सीमित संख्या में वाहनों को निकला जा रहा है.हालांकि ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि यदि यही स्थिति रही तो रविवार को हालत बेकाबू भी हो सकते है.
कुंभ के लिए स्टेशन में डेरा
सड़क मार्ग से आने जाने पर आ रही अडचनों के चलते दोपहर बाद रेलवे स्टेशन में कुंभ स्नान के लिए जाने के इच्छुक लोगों के जत्थों ने पहुचना शुरू कर दिया शाम होते-होते स्टेशन परिसर की फर्श के वजाए सिर्फ सिर दिखाई दे रहे थे.हालत यह थी की यात्री इलाहाबाद की ओर जाने वाली किसी भी टे्रन से आगे की यात्रा के लिए सक्रिय नजर आए.अचानक हादसे के बाद फिर से लोगों की भीड़ कैसे बढ रही उसका कोई ठोस आधार नहीं बता पा रहे है.कुछ यात्रियों ने छुटटी की बात स्वीकार की,लेकिन ऐसे यात्रियों की संख्या कम ही थी.
