जबलपुर: जबलपुर लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को मतदान हो चुका है। अब परिणाम को लेकर प्रत्याशियों मेेंं टेंशन देखी जा रही है। चुनावी नतीजों को लेकर जीत-हार के गणित को लेकर प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक और राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने हिसाब से वोटों का जोड़-घटाव कर रहे है। ऐसे में किसी की नींद उड़ी हुई है तो कोई जीत पक्की मान के फुर्सत के पल बिता रहा है लेकिन नेताजी के दिल में जीत के साथ हार का भी डर है। वैसे तो चुनावी मैदान में 19 प्रत्याशी है परंतु मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे और कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव के बीच ही है।
दिलासे के सहारे कट रहे दिन-रात
उम्मीदवारों ने मतदान के बाद दो-तीन दिन तो थकान में उतारने के साथ परिजनों के साथ समय बिताने में कट दिए लेकिन उसके बाद अब प्रत्याशियों के दिन और रातें मुश्किल से कट रही है। जीत के साथ हार का डर प्रत्याशियों को सताने लगा है। हालांकि परिजन, दोस्त और समर्थक दिलासा दे रहे है। जिसके सहारे दिन-रात तो कट रहे है परंतु बेचैनी बरकरार है।
जीत के साथ हार के सपने
प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को जीत का खुमार ऐसा चढ़ा हुआ है कि उनकी रातें भी ख्वाबों मेें कट रही है। कोई सांसद बनने का सपना देख रहा तो कोई फूलों से खुद का स्वागत होता देख रहा है तो किसी को हार के सपने भी आ रहे। फिलहाल चौक-चौराहों से लेकर गलियों में नतीजों को लेकर भी चर्चाएं सरगर्म है। प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक गणित में उलझे हुए है। कौन जीत रहा और कौन हार रहा, किस बूथ से, कितने वोट, किस प्रत्याशी को मिल रहे है, कौन सांसद बन रहा है और किसे हार का सामना करना पड़ेगा इसको लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई है।
वोटिंग प्रतिशत ने भी बढ़ाई चिंता
कम वोटिंग ने भी प्रत्याशियों और उनक समर्थकों की टेंशन बढ़ा दी है हालांकि दोनों ही प्रमुख दल के नेता जीत का दावा कर रहे है। शुक्रवार को हुये मतदान में 61 प्रतिशत मतदान हुआ है जो बीते सालों में हुए मतदान के प्रतिशत से काफी कम है। लोकसभा चुनाव 2019 में 69.43 और लोकसभा चुनाव 2014 में 58 प्रतिशत मतदान हुआ था। विधानसभा चुनाव 2023 में जिले मेें 75. 11 प्रतिशत मतदान हुआ था।
किसके साथ मतदाता, ईव्हीएम में कैद भाग्य
प्रत्याशियों का भाग्य कैद होने के बाद ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीनों को सुरक्षा के सख्त पहरे में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रशासनिक भवन में विधानसभावार बने स्ट्रॉग रूम में सुरक्षित रखा गया है। स्ट्रॉग रूम को अब निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों, उम्मीदवारों, राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में 4 जून को मतगणना प्रारंभ होने के पहले खोला जायेगा। मतगणना के बाद पता चल जायेगा कि मतदाता किसके साथ थे और किसे मतदाताओं ने नकार दिया है।