* संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के टेरिटरी से
शिकार के लिए बाहर निकली बाघिन
नवभारत न्यूज
सीधी / मझौली 1 नवंबर।
संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के टेरिटरी से शिकार के लिए बाघिन टी-28 बाहर निकली। बाघिन घने जंगल में काफी धीमे गति से विचरण करते हुए पर्यटकों के कैमरे में कैद हो गई। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद धमाल मचा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद संजय टाईगर रिजर्व के प्रबंधन में भी खुशी साफतौर पर देखी जा रही है। टूर गाइड और अन्य लोगों ने वीडियो को खूब शेयर किया। इसके माध्यम से लोग अब धीरे-धीरे संजय टाईगर रिजर्व सीधी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कारण साफ है कि अन्य टाईगर रिजर्व क्षेत्र में इतनी आसानी से बाघ- बाघिन के दीदार नहीं होते। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को काफी आसानी से भ्रमण के दौरान बाघ नजर आते हैं। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र का जंगल काफी घना एवं विस्तारित है। इस वजह से बाघ-बाघिन को यहां स्वच्छंद विचरण करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। बताया गया है कि अपनी टेरिटरी से बाहर निकलने के बाद बाघिन टी-28 अपनी मदमस्त चाल से जंगल में शिकार की तलाश कर रही थी। उसी दौरान वहां से गुजर रहे पर्यटकों की निगाहें बाघिन के ऊपर पड़ गईं। बाघिन ने जब पर्यटकों को वीडियो बनाते हुए देखा तो उसकी चाल और धीमी हो गई। कुछ समय बाद बाघिन घने जंगलों में काफी अंदर की ओर चली गई। पर्यटकों में वीडियो बनाने के बाद काफी उत्साह नजर आया। बाघिन का वीडियो तैयार करने के बाद पर्यटकों द्वारा इसको सोशल मीडिया के साथ ही अपने परिचितों को खूब शेयर किया जा रहा है। बाघिन को जहां देखा गया है वह क्षेत्र संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत बस्तुआ रेंज का बताया गया है। उस दौरान टूर गाइड पर्यटकों को जंगल का भ्रमण कराने के लिए लेकर जा रहे थे। काफी समय से पर्यटकों की निगाहें बाघ और बाघिन को तलाश रही थी। कुछ समय बाद ऐसा पल आया जब उन्हें सामने से मदमस्त चाल में जाती हुई बाघिन टी-28 नजर आई। बाघिन को देखकर एक क्षण के लिए सभी की सांसे थम गई। लेकिन कुछ समय बाद ही पर्यटकों द्वारा मोबाईल एवं कैमरे में बाघिन को कैद करना शुरू कर दिया गया। दरअसल संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों के अनुकूल रहवास होने के कारण यहां उनका कुनबा तेजी के साथ बढ़ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आधा सैकड़ा से ऊपर बाघ-बाघिन मौजूद हैं। इनमें करीब एक दर्जन शावक भी शामिल हैं। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में इन दिनों भ्रमण के लिए काफी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इस वजह से प्रबंधन भी पर्यटकों को सभी सुविधाएं प्राथमिकता के साथ उपलब्ध करानें में जुटा हुआ है। पर्यटकों के प्रत्येक गु्रप के साथ प्रशिक्षित टूर गाइड भ्रमण में भेजे जाते हैं। पर्यटकों को यहां भ्रमण करने के लिए जिप्सी वाहन के साथ ही हांथी भी उपलब्ध हैं। पर्यटक अपनी सुविधा एवं रुचि के अनुसार चयन करते हैं कि उन्हें संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अंदर भ्रमण के लिए जिप्सी वाहन चाहिए अथवा हांथी। आने वाले पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
दुर्लभ वन्यजीव संजय टाईगर रिजर्व में हैं मौजूद
संजय टाईगर रिजर्व सीधी में कई दुर्लभ वन्यजीव मौजूद हैं। यहां प्रमुख रूप से बाघ, भालू, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सांभर, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, जंगली बिल्ली, लकड़बग्घा, शाही, शियार, लोमड़ी, भेंडिया, अजगर, चार सींग वाला मृग, भोंकने,
वाला हिरण, वर्किंग डियर, हाइना आदि शामिल हैं। संजय टाईगर रिजर्व 152 पक्षी, 32 स्तनधरी, 11 सरीसृप, 3 उभयचर व 34 मत्स्य प्रजाति समेत अनेक जीवों विशेषकर बाघों का आश्रय स्थल है। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र प्रमुख हिस्सा है। यह पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। यहां काफी आसानी के साथ बाघों का विचरण देखा जा सकता है। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र एवं दुबरी अभ्यारण्य का संयुक्त क्षेत्रफल 831 वर्ग किलोमीटर से अधिक है। यह क्षेत्र अपने बड़े आकार और समृद्ध जैव विविधता के साथ प्रशिद्ध है। इसमें साल, बांस और मिश्रित वन संपदा मौजूद है। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद यहां घूमने-फिरने के लिए तमाम आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा पर्यटकों को ठहरने के लिए परसिली रिसॉर्ट के साथ ही अन्य रिसार्ट एवं रेस्ट हाउस मौजूद हैं। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अंदर पर्यटकों की सुविधा के लिहाज से ठहरने के लिए देशी हट की व्यवस्था भी मौजूद है। जिसमें पर्यटन अपनी सुविधा के अनुसार ठहरने का चयन कर सकते हैं। पर्यटकों को भोजन एवं नास्ता के लिए भी यहां काफी व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। जिससे पर्यटकों को उनकी पसंदीदा डिश एवं भोजन आसानी के साथ उपलब्ध हो सकें। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र का प्रबंधन लगातार पर्यटन सुविधाओं को और बढ़ाने में जुटा हुआ है।
इनका कहना है
संजय टाईगर रिजर्व बाघों के रहवास के लिए पूरी तरह से अनुकूल वातावरण पैदा करता है। जिसके चलते यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों के अलावा अन्य दुर्लभ वन्य जीव भी मौजूद हैं। रिजर्व क्षेत्र के जंगल में प्राय: यहां के वन्य जीव देखे जाते हैं।
कविता रावत, रेंजर
संजय टाईगर रिजर्व पोंडी रेंज