बीएमडब्यू, एसयूवी और नोट गिनने की मशीन मिली
सिमकार्ड, मोबाइल, एटीएम कार्ड और बारकोड बरामद
भोपाल, 30 जनवरी. राजधानी की अवधपुरी थाना पुलिस ने सायबर जालसाजों के 5 सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के पास से बीएमडब्ल्यू-एसयूवी कारें, मोबाइल फोन, सिमकार्ड, नोट गिनने की मशीन, बैंक पासबुक, चैकबुक समेत करीब 4 करोड़ रुपये का माल बरामद किया गया है. आरोपी जूम कार ऐप के माध्यम से भोपाल में बैठकर दिल्ली, मुंबई और अन्य राज्यों के लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड कर रहे थे. जब्त हुई कारें किसकी हैं, इसका पता लगाया जा रहा है. सायबर फ्रॉड के मामले में भोपाल जिले में यह अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी मानी जा रही है. डीसीपी जोन क्रमांक-2 संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सायबर फ्रॉड को रोकने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे. इसी तारतम्य में सूचना मिली कि अवधपुरी स्थित रीगल टाउन के एक फ्लैट पर चार-पांच लड़के रहते हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं. यह लड़के कोई काम नहीं करते, लेकिन करोड़ों रुपये कीमत वाली कारों में घूमते हैं. सूचना की तस्दीक के लिए थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार ने एसआई संजय कुमार सिंह, एएसआई जसवंत सिंह चंदेल, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र गुर्जर, सतीश यादव, आरक्षक नंदकिशोर और सतीश गुर्जर को मौके पर रवाना किया. पुलिस टीम ने दरवाजा खटखटाया तो फ्लैट पर पांच युवक मिले, जिन्होंने अपने नाम यश सलूजा, अंशुल प्रियांश सिह, मयंक ठाकुर, अविनाश पांडे और सहजप्रीत सिंह बताए. पूछताछ में पता चला कि पांचों आरोपी जूम कार ऐप के माध्यम से लोगों के साथ ठगी करते हैं. उनके पास से महाराष्ट्र और राजस्थान पासिंग 2 बीएमडब्ल्यू, भोपाल पासिंग एक एसयूवी कार, 48 मोबाइल और टेबलेट, 37 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक, 13 चैकबुक, 92 सिमकार्ड, 1 नोट गिनने की मशीन, 1 बारकोड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री समेत कुल करीब 4 करोड़ का माल जब्त हुआ. आरोपी पिछले साल जुलाई 2024 से उक्त फ्लैट पर किराए से रह रहे थे. मकान मालिक ने किराएदारों की जानकारी नहीं दी थी, इसलिए उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकार देते थे वारदात को अंजाम :- आरोपी जूम कार ऐप पर अपने फर्जी नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, बैंक एकाउंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के सात ही गूगल से निकाले गए लग्जरी कारों के फोटो अपलोड करते थे. इसके तीन दिन बाद कारों की बुकिंग मिलनी शूरू हो जाती थी. :- यह कंपनी बगैर ड्रायवर के कार किराए पर देती है. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में बुकिंग होने पर कंपनी कार उपलब्ध कराती है. ग्राहक द्वारा दिए गए एडवांस पैसों में कंपनी 40 फीसदी रकम काटकर बाकी रुपये अपलोड किए गए बैंक एकाउंट में डाल देती थी, जिसे जालसाज तुरंत ही निकाल लेते थे. :- ग्राहक को अपनी लोकेशन पर कार नहीं मिलती तो वह दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करता. दो-तीन बार जालसाज उसे कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देते और बाद में नंबर बंद कर लेते थे. ग्राहक जब जूमकार ऐप पर शिकायत करता तो कंपनी दिए उक्त मोबाइल नंबर द्वारा कराए गए रजिस्ट्रेशन को रद्द कर देती, जिससे संपर्क टूट जाता. :- आरोपी अगली बार दूसरे नाम, मोबाइल नंबर और बैंक एकाउंट के माध्यम से दोबारा रजिस्ट्रेशन करवा लेते और फिर से ठगी करने लग जाते थे. वह पिछले करीब एक साल से ऐसा कर रहे थे. ठगी की रकम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरोपियों ने नोट गिनने की मशीन तक खरीद रखी थी. लग्जरी कार मालिकों का खुलासा नहीं थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार ने बताया कि आरोपियों से जब्त हुई कारों के मालिकों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है. गिरोह का मास्टर माइंड यश सलूजा पहले जूम कार कंपनी में काम कर चुका है. वर्ष 2018 में उसने जूम कार से बुक कराई गई एक कार हड़़प ली थी, जिसकी रिपोर्ट हबीबगंज थाने में दर्ज कराई गई थी. अनुमान है कि यह तीनों कारें भी इसी प्रकार से हड़पी गई होंगी. हालांकि कार के रजिस्ट्रेशन, इंजन और चैसिस नंबर की मदद से उनके मालिकों का पता लगाया जा रहा है. घोड़ा नक्कास की दुकान से खरीदी सिमें आरोपियों के पास से पुलिस ने 92 सिमकार्ड जब्त किए हैं. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह सिमें घोड़ा नक्कास भोपाल स्थित एक मोबाइल दुकान से खरीदी गई थी. पुलिस इसको लेकर दुकानदार से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी. आरोपी यश केवल दसवीं पास है. उसके खिलाफ पूर्व से भोपाल, जबलपुर, धार और छतरपुर में पहले से धोखाधड़ी के कई अपराध दर्ज हैं. इसी प्रकार अंशुल एमबीए पास है. उसके खिलाफ भोपाल और छतरपुर में मारपीट और धोखाधड़ी के अपराध हैं. मंयक ठाकुर के खिलाफ छिंदवाड़़ा में चोरी और मोटर व्हीकल एक्ट के मामले हैं, जबकि दो अन्य का रिकार्ड निकाला जा रहा है.