हनुमान जन्मोत्सव प्रकटोत्सव चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 23 को मनाया जाएगा

बल, बुद्धि, विद्या के दाता हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति को सभी तरह की समस्याओं से मिल जाता है छुटकारा, आराधना से होती है सारी मनोकामना पूर्ण

नवभारत न्यूज

सिंगरौली 21 अप्रैल। ज्योतिषविद् पंडित डॉ. एनपी मिश्र महाप्रबंधक शिवधाम मंदिर बैढऩ के अनुसार हनुमान जी कलयुग में जागृत देव हैं। हनुमान जी भगवान श्री राम के परम भक्त हैं।

हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसी पावन दिन त्रैता युग में हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति को सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। हनुमान जी व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार अंजना एक अप्सरा थी। जिनका श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म हुआ था और यह श्राप उन पर से तभी हट सकता था जब वे एक संतान को जन्म देती। वाल्मीकि रामायण के अनुसार महाराज केसरी बजरंगबली जी के पिता थे। वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे। अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों की भगवान शिव की घोर तपस्या की और परिणाम स्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमानजी को प्राप्त किया। ऐसा विश्वास है कि हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार हैं। चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन संकट मोचन हनुमान जी का अवतरण हुआ था। इसलिए देशभर में इस दिन उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है । ज्योतिषविद् पंडित डॉ. एन पी मिश्र महाप्रबंधक शिवधाम मंदिर बैढऩ के अनुसार हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। इसी वजह से हर मंगलवार हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा शनिवार भी हनुमान जी को प्रिय है। हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास की पूर्णिमा पर मनाई जाती है। त्रेता युग में इस तिथि पर सुबह-सुबह हनुमान जी का जन्म हुआ था। उस दिन मंगलवार था। इनके पिता केसरी और माता अंजनी थी। हनुमान जी महादेव का रूद्र अवतार हैं। हनुमान जी महाराज को अलौकिक और दिव्य शक्तियां प्राप्त हैं। उन्हें बल, बुद्धि, विद्या का दाता कहा जाता है। हनुमान जी महाराज के पास अष्ट सिद्धि और नवनिधि है। शिव पुराण के अनुसार हनुमान जी ही शिवजी के 11वें अवतार हैं। हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है ।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन बन रहा अद्भुत संयोग : मिश्र

हनुमान जन्मोत्सव पर साल 2024 में सालों बाद अद्भुत संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है और साल 2024 में हनुमान जन्मोत्सव के दिन भी मंगलवार पड़ रहा है। मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र, मेष, लग्न एवं ध्वांक्ष योग में हनुमान जन्मोत्सव होने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

भगवान शिव के अवतार है हनुमान

भगवान हनुमान को महादेव का 11वां अवतार भी माना जाता है। हनुमान जी की पूजा करने और व्रत रखने से हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है और जीवन में किसी प्रकार का संकट नही आता है। इसलिए हनुमान जी को संकट मोचक भी कहा गया है । जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधि से करना चाहिए। ऐसा करने से शनि ग्रह से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती है। हनुमान जी को मंगलकारी कहा गया है। इसलिए इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती हैं ।

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