चीलर के नीर से लहलहाएंगी रबी की फसलें

सिंचाई के लिए किसानों को नवंबर से मिलने लगेगा पानी, शुरू हुई नहरों की सफाई

 

शाजापुर, 17 अक्टूबर. मानसून और मावठे की बारिश ने चीलर बांध को लबालब कर दिया. डेम अब 23 फीट की क्षमता के साथ हिलोरे ले रहा है. यह दृश्य ना सिर्फ शहरवासियों के लिए सुखद है, बल्कि इससे किसानों की उम्मीद भी बंध गई है. क्योंकि डेम के पूर्ण रूप से भर जाने के कारण अब सिंचाई के लिए उन्हें पर्याप्त पानी मिलेगा. वर्तमान में नहरों की सफाई चल रही है. जिम्मेदारों की मानें तो किसानों को नवंबर माह याने दीपावली के बाद से पानी दिया जा सकता है.

गौरतलब है पिछले वर्ष चीलर बांध खाली रह गया था, जिसके चलते किसानों को कम पानी मिल सका था. इस वर्ष भी जब मानसून ने देरी से जिले में दस्तक दी, तो सभी को चिंता सताने लगी थी, लेकिन उसके बाद इंद्रदेव जिले पर मेहरबान हुए और लगातार बारिश शुरू हो गई. जिससे जलसंकट खत्म हो गया. वहीं मानसून की विदाई के बाद हुई मावठे की बारिश से बांध पूरा भर गया, जिससे किसानों ने भी राहत की सांस ली. सिंचाई विभाग के एसडीओ अंकित पाटीदार ने बताया कि चीलर बांध अपनी क्षमता के अनुसार पूरा 23 फीट भर चुका है और किसानों को कम से कम दो बार पानी दिया जा सकेगा. इसकी शुरुआत दीपावली बाद यानि नवंबर माह से हो जाएगी. इसके लिए नहरों की सफाई करवाई जा रही है.

रबी सीजन में गेहूं फसल का बढ़ेगा रकबा

चीलर बांध में 23 फीट पानी आने से इस बार रबी सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल लहलहाती हुई दिखाई देगी. दरअसल, गेहूं में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यता होती है, चूंकि इस बार पानी भरपूर है, तो किसान गेहूं की ही बुआई ज्यादा से ज्यादा करेंगे. उल्लेखनीय है कि यदि डेम में पानी का कम भराव होता है, तो कई किसानों को खेत खाली छोडऩा पड़ते हैं या फिर कुछ किसान कम पानी में उत्पादित होने वाली चना फसल ही लगाते हैं, लेकिन इस बार भरपूर पानी होने से गेहूं का रकबा बढ़ेगा.

 

35 से ज्यादा गांव के किसानों को मिलेगा पानी

 

दरअसल, चीलर डेम में जब आठ फीट पानी आ जाता है, तो शाजापुर शहर के 80 हजार शहरवासियों के सालभर के पेयजल का इंतजाम हो जाता है, वहीं इसके बाद का जल भराव होने पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है. चूंकि इस बार डेम में पूर्ण भराव हुआ है. ऐसे में क्षेत्र के 35 से ज्यादा गांवों के किसानों की पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र के खेतों मेंं सिंचाई होना है. इस बार शहरवासियों को जहां पेयजल का इंतजाम हो गया, तो दूसरी तरफ अन्नदाताओं की रबी फसलों की सिंचाई की चिंता भी दूर हुई है.

 

नहरों की हो रही सफाई

 

किसानों को नहरों के माध्यम से पानी दिया जाता है, लेकिन नहरों में गंदगी जमा होने से कई किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है. जिसके चलते पानी दिए जाने के पहले विभाग द्वारा नहरों की सफाई करवाई जाती है. इस बार भी बांध के पूरा भर जाने के चलते किसानों को पानी दिए जाने की तैयारी है, जिसके चलते नहरों की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है.

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