० दोपहर में लू के थपेड़ों से बढ़ी दिक्कतें, दोपहर में सडक़ों पर पसर जाता है सन्नाटा
नवभारत न्यूज
सीधी 20 अप्रैल। सूरज के सख्त तेवर से गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है। चिलचिलाती धूप और गर्मी ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। लू के थपेड़े जनजीवन को झुलसा रहे हैं। अभी भीषण गर्मी का मुख्य समय दूर है लेकिन अभी से भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।
दोपहर में बाजारों और व्यस्त रहने वाली सडक़ों पर सन्नाटा पसर जाता है। लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हैं। गर्मी से लोगों के कंठ सूख रहे हैं। हर कोई बेहाल दिखाई दे रहा है। इस भीषण गर्मी में दोपहर के समय गर्म लू के थपेड़ों से लोगों का हाल बेहाल हो गया है। शहर के मार्ग बाजार सुनसान दिखाई दे रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए हर कोई ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेने पर मजबूर हैं। शहर के मार्गों बाजारों के साथ-साथ बस स्टैण्ड, टैक्सी स्टैण्डों पर भी यात्रियों की संख्या में कमी आती नजर रही है। उधर, कहीं बिजली कट तो कहीं पेयजल की समस्या से लोग बेहाल हैं। बिजली की समस्या बढऩे से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब शहरी क्षेत्र में भी बिजली के फाल्ट होने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और भी खराब हो रही है। शनिवार को अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। उधर भीषण गर्मी में शादी ब्याह के कार्यक्रमों की भरमार होने के कारण तैयारी में लगे लोगों की काफी फजीहत हो रही है। ऐसे लोगों को चिलचिलती धूप और गर्मी को सहन करते हुए बाजारों में आवश्यक सामानों की जहां खरीदी करनी पड़ रही है वहीं व्यवस्था बनाने के लिए काफी यात्राएं भी करनी पड़ रही हैं। स्थिति यह है कि दोपहर में लू के थपेड़ों के चलते लू लगने का खतरा भी बढ़ गया है। यदि बिना सावधानी के दोपहर में लू के थपेड़ों के बीच ज्यादा समय गुजारना पड़ा तो उस दौरान व्यक्ति के शरीर पर काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। लू से बचने के लिए डॉक्टरों की सलाह के अनुसार पर्याप्त पानी पीकर ही बाहर निकलना चाहिए। साथ ही सूखे कंठों की प्यास बुझाने के लिए भी समय पर पानी का सेवन करना चाहिए। यदि प्यास लगने पर लापरवाही बरती गई तो लू लगने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर का तापक्रम बनाए रखने के लिए शीतल पेयजल या शीतल शरबत का उपयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए।
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यात्रियों की दोपहर में हो रही फजीहत
भीषण गर्मी में आवश्यक कार्यों के सिलसिले में बसों से सफर करने वाले यात्रियों की अवश्य फजीहत हो रही है। दूर की यात्रा करने वाले यात्री पानी के लिए अपने साथ वाटल अवश्य लिए रहते हैं लेकिन तेज गर्मी के चलते वाटल का पानी पूरी तरह से कुछ ही समय के अंदर गरम हो जाता है। फिर भी मजबूरी में लोग गरम पानी पीकर ही सूखे कंठों की प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। बसें जहां भी कुछ समय के लिए ठहरती हैं लोग शीतल पेयजल की व्यवस्था बनाने के लिए नीचे उतर जाते हैं। इसी वजह से अधिकांश स्थानों में फ्रिज में रखे वाटर पाउच की मांग भी खूब बनी हुई है। यह अवश्य है कि यात्रियों की जरूरत को देखते हुए संबंधित कारोबारी पांच रूपए में छोटा पाउच बेच रहे हैं। फिर भी लोग भीषण गर्मी में अपने कंठों की प्यास बुझाने के लिए इसकी खूब खरीदी कर रहे हैं। बस स्टैण्ड में बसों के रूकने पर इन दिनों सबसे ज्यादा बिक्री पानी के पाउच एवं पानी के बाटल की हो रही है। बस अड्डों में यात्रियों के लिए यह व्यवस्था अवश्य महंगी साबित हो रही है। यहां पानी का कारोबार करने वाले व्यवसायी यात्रियों की समस्या को जानते हुए काफी महंगे दामों में पानी की बिक्री कर रहे हैं। बसों में सफर करने वाले यात्रियों को दिन के समय में पानी को लेकर ज्यादा समस्याएं उठानी पड़ रही हैं। रात में अवश्य मौसम में कुछ ठंडक आ जाने से उनकी समस्याएं कम हो जाती हैं।
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