सतर्कता ही समाधान, छोटी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
उज्जैन। यदि आप बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर को बदल रहे हैं तो पहले बैंक में सूचना देकर डी-लिंक करवा लें। वरना छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। आपके खाते में जमा पूंजी कोई दूसरा निकाल सकता है। शहर की एक महिला हाल में ऐसी घटना का शिकार हुई है।
दूसरे को जारी सिम पर आने लगे बैंक के मैसेज। दरअसल मोबाइल कंपनी तय समय के बाद बंद नंबर की सिम किसी अन्य को जारी कर देती है। पहले वाले सिम धारक ने यदि बैंक से उस नंबर को डी लिंक नहीं करवाया है तो बैंक से संबंधित मैसेज नए सिम धारक के पास जाने लगते हैं। ऐसे में नया सिम धारक ओटीपी के आधार पर नेट बैंकिंग व एटीएम से पहले वाले व्यक्ति के बैंक खाते से रुपए निकाल सकता है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में ऐसे कई मामले में सामने आ चुके हैं।
इसलिए बदल रहे नंबर
लुभावने ऑफर व सस्ते पैकेज, नेट की स्पीड, नटवर्क की समस्या, सिम लंबे समय तक उपयोग नहीं करने पर खुद भी डी एक्टिवेट हो जाती है। उज्जैन निवासी एक महिला के पास जो सिम थी वह लगभग कई माह तक रिचार्ज नहीं करवाने पर बंद हो गई। निजी मोबाइल कंपनी ने यह सिम अन्य व्यक्ति के नाम से जारी कर दी। महिला ने इस सिम के नंबर बैंक खाते से नहीं हटवाए। महिला के बैंक के लेनदेन के मैसेज उस व्यक्ति के पास जाने लग गए। उसने नेट बैंकिंग और एटीएम कार्ड जारी करवाकर महिला के खाते से रुपए निकाल लिए। महिला ने उस व्यक्ति के नंबर पर बात की मामला में राजीनामा हो गया तो महिला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज नही करवाई।
कारोबारी के खाते से निकले 1 करोड़
पिछले दिनों मुंबई के कारोबारी के फोन पर रात 11 बजे से 2 बजे के बीच 6 मिस्ड कॉल आईं। एक कॉल इंग्लैंड के कोड 44 से आई थी। सुबह कारोबारी जब किसी को फोन करने लगे तो पता चला कि उनका सिम काम नहीं कर रहा है। मोबाइल कंपनी से पता चला कि नए सिम के लिए रिक्वेस्ट के बाद पुराना सिम डि-एक्टिवेट कर दिया है। आरोपी ने फर्जी सिम लेकर कारोबारी के खाते से करीब 1 करोड़ 86 लाख रुपए निकाल लिए। खाता धारक अपनी बैंक की शाखा में जाएं। वहां कस्टमर रिक्वेस्ट फार्म भरें। इसके साथ तय दस्तावेज लगाएं। इसमें नए मोबाइल नम्बर लिखें। अधिकारी खाते से नया नम्बर जोड़ देगा। ग्राहकों को सतर्क रहना होगा।
इनका कहना है
ऐसी घटना हुई जब महिला के खाते से लिंक नंबर की दूसरी सिम जारी करवाकर राशि निकाल ली गई। ग्राहकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। मोबाइल नंबर बदलते समय आधार, जानाधार, बैंक खाते व अन्य दस्तावेज से नंबर डी-लिंक करवाएं।
-हरेन्द्र पाल सिंह राठौड़, साइबर सेल उज्जैन