सिंगरौली: विधानसभा चितरंगी के तीन मतदान केन्द्रों के मतदाताओं ने निर्माणाधीन सड़क मुद्दे को लेकर अचानक लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार कर दिया। जहां तीनों मतदान केन्द्रों में दोपहर 12 बजे तक एक भी वोट नही पड़े। हालांकि अधिकारियों के समझाइश के बाद 2:30 बजे तक मतदान शुरू हुआ। इस दौरान अधिकारियों की सांसे फूलने लगी।दरअसल चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के यूपी सीमावर्ती गांव गोपला के विषही घाट के निर्माण के लेट लतीफी को लेकर ग्रामीणों में कई सालों से सरकार और जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी रही है। जहां घाट कटिंग का निर्माण कार्य एमपी-यूपी सीमा विवाद के चलते थम जाने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और आज ग्रामीणों ने अपने गुस्से का इजहार भी कर दिखाया है।
मामला मतदान केंद्र गोपला, पोड़ी एवं रमपुरवा का है। मतदान क्रमांक 29, 30 एवं 31 के मतदाताओं ने एकजुट दिखाते हुए मतदान का बहिष्कार कर दिया। वहां के ग्रामीण बताते हैं कि दोपहर 12 तक कोई भी मतदाता मत डालने बूथों पर नही पहुंचा। जानकारी अधिकारियों को जैसे ही लगी उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें खिच गई और उनकी सांसे भी फूलने लगी। आनन-फानन में अधिकारी मतदान केन्द्र पहुंचे मतदाताओं से मिल समझाइश देने लगे। किसी तरह केन्द्र गोपला में 4 वोट 12 बजे से दोपहर 2:30 के बीच पड़े। इसके बाद जैसे ही अधिकारी सक्रिय हुए और मतदाताओं को भरोसा दिए की उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। जब अधिकारियों ने मतदाताओं को भरोसा दिया तब कही जाकर ग्रामीणों ने मतदान करने का फैसला लिया। तब कही जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
18 साल पहले घाट कटिंग की मंजूर की राशि
गोपला विषही मार्ग के घाट कटिंग निर्माण के लिए वर्ष 2006-7 में काम के बदले अनाज योजना के तहत तत्कालीन विधायक जगन्नाथ सिंह एवं कलेक्टर सुखबीर सिंह के प्रयास से कार्य की मंजूरी मिली थी। घाट कटिंग का कार्य जैसे ही शुरू हुआ अभ्यारण बगदरा रोड़ा डालने लगा । वही स्थानीय ग्रामीण भी स्वयं काम करने के लिए क्रियान्वयन एजेंसी आरईएस अधिकारियों पर भारी दबाव देने लगे। भारी दबाव के चलते तकरीबन दो लाख रुपये तक का ही काम कराया जा सका। अंतत: अधिकारी लाचार होकर कार्य को बंद करा दिया और तब से गोपला विषही मार्ग एवं झरकटा घाट कटिंग निर्माण कार्य बंद था और इस दौरान यहां के ग्रामीणों को खस्ता हाल पहाड़ों के रास्तों से आना-जाना पड़ रहा है। यहां बताते चले कि बगदरा का क्षेत्र के फुटहड़वा, गोपला, रमपुरवा सहित दर्जन भर गांव के लिए यूपी के घोरावल तक आने-जाने का एक सरल रास्ता है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता का खामिजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। लिहाजा इस क्षेत्र वासियों को लंबे अर्से से भुगतना पड़ रहा है। आज ग्रामीणों की एकजुट ने प्रशासन के साथ-साथ भाजपा सरकार के सारे दावों का भी पोल खोलकर उनकी कुंभकर्णी निंद्रा को जगा दिया है।