बंधुआ मजदूरी से मिली आज़ादी

शिवपुरी: शिवपुरी के चार नाबालिग आदिवासी युवा जो बंधुआ मजदूरी के जाल में फंसे हुए थे, अब सहरिया क्रांति आंदोलन और पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के प्रयासों से मुक्त हो गए हैं। यह घटना गुजरात की है, जहां इन मासूम युवाओं को अमानवीय परिस्थितियों में काम करने पर मजबूर किया गया था।सहरिया क्रांति आंदोलन की सक्रियता और सुरवाया थाना प्रभारी के सहयोग से इन युवाओं को रिहाई दिलाई गई। यह न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयास और सही दिशा में काम करने से कोई भी अन्याय समाप्त किया जा सकता है।

आदिवासी समाज को जागरूक करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले सहरिया क्रांति और अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। सहरिया क्रांति ने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी लड़ाई केवल आवाज उठाने तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की है।

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