चेन्नई (वार्ता) तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पांच फरवरी को होने वाले इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
भाजपा तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने पूर्व केंद्रीय जहाजरानी मंत्री जी के वासन के नेतृत्व वाली तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी) सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगियों के साथ बातचीत के बाद यह घोषणा की।
राज्य में मुख्य विपक्ष दल अन्नाद्रमुक और उसके सहयोगी दल डीएमडीके ने भी शनिवार को इरोड विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने इस चुनाव को लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा भी की है वह फिर से अपनी जनशक्ति और धन शक्ति का चुनाव में इस्तेमाल करेगी और चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं होंगे।
श्री अन्नामलाई ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में आरोप लगाया कि तमिलनाडु को चार साल के लंबे द्रमुक शासन के तहत अंधेरे में धकेल दिया गया , जो जनविरोधी , कानून और व्यवस्था की गिरावट, बेरोजगारी और महिलाओं , बच्चों, बुजुर्गों की सुरक्षा में कमी तथा सरकार और पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं सभी विभाग भ्रष्टाचार में डूबे हुए है।
उन्होंने द्रमुक सरकार पर डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “जो लोग इन कष्टों को देख रहे हैं वे कह रहे हैं कि यह द्रविड़ मॉडल नहीं बल्कि आपदा मॉडल सरकार है।”
सीट पर उपचुनाव के पिछले अनुभवों को याद करते हुए श्री अन्नामलाई ने कहा कि मुख्य उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों में द्रमुक को सत्ता से बाहर करना है और भाजपा के नेतृत्व वाला राजग इस दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “जनता के हित में एनडीए के सभी गठबंधन नेताओं ने विस्तार से चर्चा की और इरोड ईस्ट उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया।”
पिछले महीने वरिष्ठ कांग्रेस नेता ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के बाद यह उपचुनाव जरूरी हो गया और कांग्रेस जिसके पास 2021 और 2023 में यह सीट थी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के अनुरोध के बाद इस बार द्रमुक को यह सीट दे दी है। द्रमुक ने श्री वी सी चंद्रकुमार को उपचुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया।
दो साल में यह दूसरा उपचुनाव है। 2021 के बाद से इस सीट पर यह तीसरा चुनाव है जिसमें श्री एलंगोवन के बेटे थिरु महान ई.वी.रा पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए।