राइस मिल के मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

मिल संचालक ने आनन-फानन में शव को भिजवाया मृतक के गृह ग्राम
मानपुर(उमरिया): बीते दिवस विधानसभा मुख्यालय स्थित कृष्णा (कपिल गोलू ) राइस मिल में बिहार राज्य से मजदूरी करने आए एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिसके बाद मिल संचालक के साथ अन्य घबराए साथियों ने मजदूर को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मानपुर लाया गया जहां डाक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद राइस मिल संचालक ने मृतक का पोस्ट मार्टम न करने का दबाव बनाने की कोशिश की। वहीं मिल संचालक की संदिग्ध गतिविधियों को देख डाक्टरों की टीम ने मानपुर थाना को सूचना दे दी। पुलिस को सूचना देने की जानकारी लगते ही मिल संचालक ने आनन फानन में मृतक के अन्य साथियों को अपने कब्जे में लिया और पीएम उपरांत शव वाहन की व्यवस्था बनाते हुए मृतक के शव को उसके गृह ग्राम के लिए रवाना कर दिया।
मिल संचालक की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले में मिल संचालक की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। बताया जाता है कि मृतक मजदूर व मिल संचालक सूरज गुप्ता उर्फ गोलू के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। जिस कारण मजदूर का खाना पीना बंद करा दिया गया था वहीं मजदूर भूखा था जिसके बाद भी मिल संचालक द्वारा दबाव बना कर उस मजदूर से बेतहासा काम लिया जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि बिहार निवासी मृतक मजदूर नगीना रॉय भूखे पेट मिल में काम कर रहा था और इसी दौरान उसे चक्कर आया और वह गिर कर बेहोश हो गया। मजदूर के बेहोश होने की भनक लगते ही मिल संचालक ने उसे इलाज कराने के लिए पहले तो झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए लेकिन मामला गम्भीर होने पर झोलाछाप डाक्टर ने देखते ही हाथ खड़े कर लिए जिसके काफी समय बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर लाया गया जहां उसे भर्ती करने के कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई।
अन्य मजदूरों पर मिल संचालक ने बनाया दबाव
सूत्रों की माने तो मिल संचालक की तानाशाही के कारण हुई मजदूर की मौत का रहस्य बरकरार रखने अन्य मजदूरों पर मिल संचालक ने जमकर दबाव बनाया। इतना ही नहीं मृतक के शव को मानपुर से करीब चार सौ किलोमीटर दूर पहुंचवाने का वादा भी किया जिस कारण मृतक के मजदूर भी कुछ बोल पाने में असमर्थ दिखे। वहीं दबी जुबान में यह भी कहा जा रहा है कि मिल संचालक द्वारा मृतक के अन्य साथियों को धमकी देते हुए यह भी कहा था की बताए गए बयान से अगर भटक कर कुछ दूसरा बयान दिए तो लाश को स्वयं के खर्चे से घर तक ले जाना पड़ेगा और पिछली मजदूरी भी न मिलेगी। जिसके बाद मिल संचालक खुद मृतक के अन्य साथियों को अपने सामने ही पुलिस को बयान दर्ज कराते हुए सूचना दिलवाई गई। जिसके बाद मिल संचालक खुद के खर्चे से शहडोल से प्राइवेट शव वाहन बुलवाकर उक्त मजदूर के शव को तत्काल मानपुर से बिहार के लिए रवाना करा दिया गया।
सूरज गुप्ता पर पहले भी लग चुके रकम हड़पने के आरोप
बताया जाता है कि मिल संचालक और उसके भाई सूरज गुप्ता का मानपुर नगर के बस स्टैंड में एक मोबाइल की दुकान है जहां मोबाइल की दुकान में मोबाइल तो नहीं है लेकिन वह आधार से पैसे निकालने का काम करता है। जिस पर कई बार ग्रामीणों ने खाते से पैसा चेक कराने के दौरान रकम हड़प लेने के आरोप लगाए और जब मामला उजागर होता तो उससे समझौता करके मामले का निपटारा करा लेता। इसके अलावा नौकरी और लोन के नाम पर मानपुर के अल्ताफ अंसारी के साथ कई लोगों से लाखों रुपये ऐंठने के आरोप थे लेकिन कुछ दिन बाद जब अल्ताफ अंसारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई तब से यह अलग काम मे जुट गया। फिलहाल मामला चाहे जो भी हो लेकिन बिहार के मजदूर की संदिग्ध मौत होना कहीं न कहीं मिल संचालक की संदिग्ध गतिविधि को दर्शा रही है। ऐसे में देखना होगा कि मृतक मजदूर की मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा या फिर राज दफन होगा।
इनका कहना है
मृतक का बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है जिसे लैब भेजा जाएगा, वहीं मामला जो कुछ भीं हो यह तो जांच रिपोर्ट के बाद ही बता पाएंगे लेकिन पीएम के दौरान इतना जरूर मिला है कि मृतक बुरी तरह भूखा था उसके पेट में कुछ भी नहीं था पूरी तरह खाली था।
डॉ. अंकित गामी
चिकित्सा अधिकारी मानपुर

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