क्षतिग्रस्त और जीर्णशीर्ण कार्य को दानदाता करना चाहते हैं दुरस्त
निर्माण सामग्री मौके पर पहुंची, अनुमति नहीं मिलने से पंडितों में उपजा आक्रोश
उज्जैन: भगवान महाकाल के सेनापति के रूप में स्थापित काल भैरव मंदिर परिसर में अन्य देवालय शिवालय भी बने हैं जहां तक श्रद्धालू दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं जो अब विवाद का कारण बन गया है.दत्तात्रेय मंदिर ,दीप मलिका, शिव मंदिर और अन्य देवालय शिवालय काल भैरव मंदिर परिसर में ही बने हुए हैं यहां पर शिप्रा नदी की तरफ चढ़ाव के समीप एक दीवार बनी हुई है जो क्षतिग्रस्त हो गई है दरारे दिखाई दे रही है इसी दीवार के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
मंदिर के पंडितों में आक्रोश
नवभारत से चर्चा में पंडित गौरव संचोरा ने बताया कि जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से लेकर काल भैरव मंदिर प्रबंधक संजना मार्केंडेय सहयोग कर रहे हैं, दोनों अधिकारियों ने तो क्षतिग्रस्त दीवार को दुरुस्त करवाने एवं व्यवस्थाएं बनाने के लिए आश्वासन भी दिया है. बावजूद इसके स्मार्ट सिटी और पुरातत्व विभाग की हरी झंडी नहीं मिलने से काम अटका हुआ है. हमने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत की बावजूद इसके स्मार्ट सिटी व पुरातत्व विभाग द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है.
दानदाता ने भेजी सामग्री
इधर पंडित गौरव संचोरा ने बताया कि शहर के एक बड़े कॉलोनाइजर और बिल्डर है जिन्होंने जीर्णशीर्ण रही दीवार को दुरुस्त करने के लिए निर्माण सामग्री भी भेज दी है. ठेकेदार भी रोज आता है. बावजूद इसके पुरातत्व विभाग और स्मार्ट सिटी की अनुमति नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो पा रहा.
जल्दी ही कोई रास्ता निकलेगा
हमने तो दीवार को ठीक करवाने के लिए और व्यवस्था बनाने के लिए हामी भर दी है, जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है, हमारी तरफ से कोई लेट लतीफी नहीं की जा रही है यदि कोई दानदाता जीर्णोद्धार कार्य करवाता है तो यह अच्छी बात है. बावजूद इसके पुरातत्व विभाग और स्मार्ट सिटी को ही यह निर्णय लेना है. हमने भी सूचना भेज दी है ,जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा.
– संजना मार्कण्डेय, प्रबंधक काल भैरव मंदिर, उज्जैन