नयी दिल्ली, (वार्ता) केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जलाशयों से पानी छोड़ने के एक तरफा फैसले के कारण बनी बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि दामोदर घाटी के जलाशयों से पानी छोड़ने के बारे में राज्य सरकार के अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया गया था।
श्री पाटिल ने कहा कि दामोदर वेली निगम ने जलाशयों से पानी छोड़ेने के कारण बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि पंचेयत और मैथन जलाशयों का पानी छोड़ने का फैसला दामोदर वेली नियामक समिति करती है जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ ही झारखंड सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं और सभी पक्ष मिलकर नियमों का पालन करते हुए फैसला लेते है।
उन्होंने कहा कि जलाशयों से पानी छोड़ने की मात्रा में पहले 50 प्रतिशत की कटौती की गई थी लेकिन 16 और 17 सितंबर को हुई भारी बारिश के बाद समिति को जलाशयों से पानी छोड़ने को बाध्य होना पड़ा। इन स्थितियों के बावजूद जलाशयों के प्रबंधन से जुड़े सभी पक्षों ने पूरी स्थिति का जायजा लेते हुए पानी छोड़ने का फैसला लिया।
दोनों जलाशयों में रेत भरने को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता पर उन्होंने तकनीकी पहलुओं के साथ जवाब दिया और श्रीमती बनर्जी को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय राज्य सरकार के साथ उनकी हर चिंता के समाधान के लिए कार्य करेगा।