एक बेटे को लकवा लगा है परिवार की जिम्मेदारी वृद्ध के ऊपर ही है. बहु अनीता पुत्र की मृत्यु के बाद मेरी पत्नी दुर्गा बाई रैकवार का दो लाख रुपए कीमत सोने, चांदी का जेवर लेकर अपनी मां के साथ दमोह चली गई और अपनी मां के साथ रहती है. बहु लगातार पैसों के लिए परेशान कर रही है झूठे मामले भी दर्ज करा रही है. जबकि में अपने बेटे के हिस्से की जमीन भी उसे देने को तैयार हूं. समाज की पंचायत में भी अपनी बहू को घर गृहस्थी का सामान देने तैयार था, लेकिन मेरी बहू की नियत ठीक नहीं है.
वह बुढ़ापे में और मेरी पत्नी को लगातार प्रताड़ित कर रही है. इसलिए अब वह पति पत्नी जीना नहीं चाहते और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं. क्योंकि 75 वर्ष की आयु में वृद्ध दंपति कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं लगा सकते हैं. हमारी जीविका का कोई साधन नहीं है, मेरा पालन-पोषण कैसे होता है यह हम वृद्ध दंपति ही जानते हैं. मुझे मेरी बहू अनीता रैकवार के द्वारा जिस तरह प्रताड़ित किया जाता है उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। बहू की प्रताड़ना से हम और हमारी पत्नी परेशान है. इसलिए दमोह कलेक्टर के माध्यम से हम दोनों वृद्ध दंपति इच्छा मृत्यु की अनुमति मांग रहे हैं. कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने वृद्ध की बात सुनने के बाद विधिक सहायता उपलब्ध कराने आश्वासन दिया