गजरा बहरा कोलयार्ड की तानाशाही से परेशान क्षेत्रीय जनता, कोलयार्ड प्रबंधन की घोर लापरवाही उजागर
नवभारत न्यूज
सरई 4 जनवरी। जिले के सरई तहसील अंतर्गत ग्राम गजरा बहरा में कोल परिवहन कोयला डंपिंग के लिए कोल यार्ड बनाया गया है।
इस कोल यार्ड में सुरक्षा के दृष्टिगत रखते हुए कोई भी व्यवस्था नही की गई है। जिसके चलते इस गर्मी के महीने में कोयले की धूल के चलते स्थानीय क्षेत्रीय जनता का जीना दुश्वार हो गया है। स्थानीय जनता कि इस परेशानी को कोल यार्ड प्रबंधन नजर अंदाज कर रहा है। प्रबंधन पूरी तरीके से तानाशाही रवैया अपना रहा है। इस गंभीर समस्या पर जिला प्रशासन भी मौन की स्थिति में नजर आ रहा है। आलम यह है कि गजरा बहरा कोल यार्ड की डंपिंग एरिया में कोयला प्रचुर मात्रा में रखा जा रहा है। इस चिन्हित स्थान पर और आसपास सड़क मार्ग के किनारे कोल यार्ड प्रबंधन के द्वारा पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जबकि 24 घंटे कोयले का कार्य हो रहा है। सड़क मार्ग भी कोयले की कालिखसे पटी हुई है और हवा के चलते यह कोयला जब उड़ता है तो आसपास के इलाको में पहुंच रहा है। जिससे स्थानीय जनता का रहना मुश्किल हो चुका है। स्थानीय सूत्रो की बातों पर गौर करे तो इस कोयले की धूल के चलते लोगों को सांस लेने में भी काफी परेशानी हो रही है। लोगों ने बताया कि कई बार कोल यार्ड प्रबंधन को शिकायत की गई है। इसके बावजूद प्रबंधन पूरी तरीके से दबंगई पर उतारू होकर प्रशासन को चुनौती दे रहा है।
पानी का छिड़काव करने में भी गुरेज
बताया जाता है कि गजरा बहरा में कोल परिवहन कोयला डंपिंग कोलयार्ड में कोयले की डस्ट इतनी खतरनाक विकराल रूप से उड़ती है। जिससे पूरा गजरा बहरा प्रभावित हो रहा है। कोयले की धूल से लोगों में बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। दूषित डस्ट से गर्मी के समय में लोग बाहर शाम के समय सोते हैं। जहां सांस लेने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गजरा बहरा कोलयार्ड प्रबंधन का घोर लापरवाही समझने में आ रही है। जहां पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है। कोलयार्ड प्रबंधन अगर चाहे तो इस डस्ट को रोक सकता हैं। लेकिन कही न कही अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से यह अपनी दबंगई से कोयले की लोडिंग-अनलोडिंग परिवहन कराते हैं।