इंदौर : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ के कार्यक्रम प्रदर्शन के लिए नहीं होते। इनसे जुड़कर मनुष्य की संस्कृति, स्वभाव और संस्कार बनते हैं। भागवत ने कहा कि इस आयोजन में जयघोष का प्रदर्शन इसलिए किया गया ताकि समाज इस जयघोष की जड़ को देख सके।
राष्ट्र निर्माण के लिए लोग संघ से जुड़ें। जब लोगों में राष्ट्र निर्माण का भाव जागृत होगा, तो एक दिन सारी दुनिया सुख और शांति का युग देखेगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत इंदौर में स्वर शतकम् आयोजन से हुई। इस आयोजन में एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने जयघोष की प्रस्तुति दी। स्वयंसेवकों ने सौ के अंक की मानव आकृति भी बनाई।