एक माह से थी तलाश, प्लाट दिलाने के नाम पर ठगे थे 10 लाख रुपए
उज्जैन। प्लाट दिलाने का झांसा देकर 10 लाख की धोखाधड़ी करने वाले फर्जी पुलिस अधिकारी को एक माह की तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। आज कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
नागझिरी में रहने वाले निलेश पिता बाबूलाल चौहान ने नवम्बर माह के तीसरे सप्ताह में राघवी थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि परिचित के माध्यम से ग्राम जगोटी में रहने वाले विशाल पिता अजय शर्मा से मुलाकात हुई थी। उसने खुद को पुलिस अधिकारी होना बताकर अच्छी कालोनी में प्लाट दिलाने का झांसा दिया और 10 लाख रुपए ले लिये। महिनों बीतने के बाद भी प्लाट नहीं दिलवाया। विशाल के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह फर्जी पुलिस अधिकारी है। पुलिस ने जांच के बाद मामले में विशाल के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरू की थी। 40 दिनों की तलाश के बाद पुलिस ने फर्जी पुलिस अधिकारी विशाल शर्मा को राघवी पुलिस ने सूचना मिलने के बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन से हिरासत में ले लिया है। जिससे पूछताछ की जा रही है। शनिवार दोपहर को उसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि विशाल ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर शाजापुर और नीमच में भी ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। जहां उसके खिलाफ मामले दर्ज है। उसने पुलिस कर्मचारियों को भी नहीं बक्शा था, उन पर अपनी स्टाईल का रौब जमाकर झांसे में ले लिया था। विशाल शर्मा काफी शातिर है।
उसके खिलाफ आरक्षक भूपेशसिंह ठाकुर निवासी ढांचा भवन ने भी कुछ माह पहले हाऊसिंग बोर्ड कालोनी शिवांगी परिसर में मकान दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की थी। विशाल खुद को कभी डीएसपी बताता था तो कभी एसआई। उसने सिंहस्थ 2016 के दौरान होमगार्ड के रूप में अस्थाई तौर पर 4 माह काम किया था। उस दौरान कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के संपर्क में आया और पुलिस की कार्यशैली को अपना लिया।